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अपने कारनामों के कारण चर्चित रहे विधायक विजय मिश्रा, कभी हेलीकाफ्टर से भागे, कभी साधु वेश में सरेंडर किया

By: RNI Hindi Desk 
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अपने कारनामों के कारण चर्चित रहे विधायक विजय मिश्रा, कभी हेलीकाफ्टर से भागे, कभी साधु वेश में सरेंडर किया

भदोही की ज्ञानपुर सीट से विधायक विजय मिश्रा शुक्रवार को एक बार फिर पुलिस के शिकंजे में आ गए। उन्हें मध्य प्रदेश के आगर मालवा से पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार विजय मिश्रा के खिलाफ आपराधिक आरोपों में 73 मुकदमे दर्ज हैं। विजय मिश्रा इससे पहले भी गिरफ्तार हो चुके हैं। एक बार पुलिस की पकड़ से खुद को बचाने के लिए हेलीकॉप्टर से भागे तो कभी साधु वेश में समर्पण किया था।

विजय मिश्रा ने खुद एक बार बताया था कि वर्ष 2009 फरवरी में भदोही में विधानसभा का उपचुनाव होना था। बसपा के 40 मंत्री भदोही में कैंप किए हुए थे। उन्होंने तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती के कहने पर बसपा प्रत्याशी की मदद करने से इनकार कर दिया तो वह नाराज हो गईं। उन्होंने हमें पकड़ने के लिए पुलिस भेज दी। उसी दौरान नेताजी मुलायम सिंह यादव भदोही में सभा कर रहे थे। मंच से जनता को अपनी पत्नी रामलली के सिंदूर का वास्ता देते हुए कहा कि अब उनके सुहाग की रक्षा और सम्मान आप सबके हाथों में ही है।

नेताजी ने कहा कि जिसकी हिम्मत हो पकड़कर दिखाए और फिर वे हमें हेलिकॉप्टर में लेकर चले गए। उधर, पुलिस देखती ही रह गई। इसके बाद जुलाई 2010 में बसपा सरकार के मंत्री नंद कुमार नंदी पर प्रयागराज में हुए हमले में विजय मिश्रा का नाम आया।

वर्ष 2011 में विजय मिश्रा ने दिल्ली स्थित हौज खास में लंबी दाढ़ी और लंबे बालों में साधु वेश में समर्पण किया था। जेल में ही रहकर वर्ष 2012 में वह सपा के टिकट पर ज्ञानपुर से विधानसभा का चुनाव लड़े और फिर विजयी हुए।

प्रयागराज जनपद के सैदाबाद क्षेत्र के खपटीहां गांव में जन्मे विजय मिश्रा ने 1980 में एक पेट्रोल पंप और ट्रक संचालन से अपने कारोबारी जीवन की शुरुआत की थी। विजय मिश्रा अक्सर कहते हैं कि उन्हें लोग अनायास ही धमकाते थे। इससे उनका व्यापार प्रभावित होता था। पूर्व मुख्यमंत्री पंडित कमलापति त्रिपाठी के निर्देश पर वह राजनीति में आए और नब्बे के दशक में वह ब्लॉक प्रमुख बन गए।

इसके बाद भदोही में जिला पंचायत के चुनाव में विजय मिश्र की हमेशा अच्छी-खासी दखल रही। साथ ही आपराधिक आरोपों में मुकदमों की संख्या भी बढ़ती गई। वर्ष 2001 के लगभग सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव से विजय मिश्रा की करीबी बढ़ी।

फिर वह सपा के टिकट से ज्ञानपुर से 2002, 2007 और 2012 का विधानसभा चुनाव जीते। वर्ष 2017 में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने टिकट नहीं दिया तो निषाद पार्टी से विजय मिश्रा ने ज्ञानपुर विधानसभा का चुनाव जीता। इस बीच उनकी पत्नी रामलली मिश्रा भदोही से जिला पंचायत अध्यक्ष और एमएलसी का चुनाव जीतीं।

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