अमेरिका के बॉबसन कॉलेज से करीब चार करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप हासिल करके दादरी जिले की शान बढ़ाने वाली सुदीक्षा भाटी की सोमवार की सुबह सड़क हादसे में मौत हो गई है। दादरी के गांव डेरी स्कनर गांव की निवासी सुदीक्षा अपने भाई के साथ सिकंदराबाद (बुलंदशहर) मामा से मिलने जा रही थी। तभी रास्ते में इनकी स्कूटी को बुलेट सवार ने टक्कर मार दी और सुदीक्षा और सतेंद्र सड़क पर जा गिरे। इस हादसे में सुदीक्षा की मौत हो गई है। आइए आपको बताते हैं कौन थी सुदीक्षा भाटी।
सुदीक्षा भाटी दादरी के गांव डेरी स्कनर गांव रहने वाले जितेंद्र भाटी की बेटी थी। सुदीक्षा ने 2018 में 12वीं सीबीएसई बोर्ड परीक्षा में 98 प्रतिशत अंक हासिल कर टॉप किया और अपने इलाके का मान-सम्मान बढ़ाया था। 12वीं बोर्ड परीक्षा में सुदीक्षा ने अंग्रेजी में 95, इतिहास में 100, राजनीति विज्ञान में 96, भूगोल में 99 और अर्थशास्त्र में 100 अंक हासिल किए थे। अच्छे अंक आने के बाद सुदीक्षा को अमेरिका से 3.83 करोड़ रुपए की स्कॉलरशिप मिली थी। इसके बाद सुदीक्षा ने अगस्त 2018 में बॉबसन कॉलेज ऑफ एंटरप्रेन्योरशिप में दाखिला लिया था।
पढ़ाई के साथ साथ सुदीक्षा सामाजिक कार्यों में भी रुचि लेती थीं। कुछ वक्त वो वॉइस ऑफ वीमेन संगठन से भी जुड़ी रहीं, जो महिलाओं के खिलाफ बढ़े रहे अपराधों के विरोध में कार्य करते हैं। लेकिन विडंबना है कि वो खुद ही महिला अपराध की भेंट चढ़ गईं।
आर्थिक तंगी के बावजूद लंबी दूरी तय की
सुदीक्षा भाटी ने कक्षा 5 तक की पढ़ाई डेरी स्टनर गांव में प्राइमरी स्कूल से की थी। कक्षा 6 में सुदीक्षा का चयन साल 2011 में विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी स्कूल में हुआ। वहीं से उनकी जिंदगी में बदलाव आया था। अब सुदीक्षा बॉबसन कॉलेज से एंटरप्रेन्योरशिप में ग्रेजुएशन कर रही थीं। सुदीक्षा भाटी बचपन से ही पढ़ने में काफी तेज थीं। स्कॉलरशिप मिलने पर सुदीक्षा ने कहा था कि उसका सपना सच हो गया है।
पिता-जितेंद्र भाटी चाय विक्रेता
सुदीक्षा की कामयाबी इसलिए और ज्यादा बड़ी थी क्योंकि वह एक गरीब परिवार से आई थीं। उनके पिता चाय बेचने का काम करते हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी आर्थिक तंगी को सुदीक्षा की पढ़ाई के आड़े नहीं आने दिया था।