आजमगढ़ में बांसगांव तरवां में मारे गए दलित प्रधान सत्यमेव जयते के घर जाने के लिए आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद रावण भी पहुंचे। उन्हें भी तरवां नहीं जाने दिया गया। अतरौलिया थाना क्षेत्र के लोहरा टोल प्लाजा जिले की सीमा पर प्रशासन ने उन्हें रोका तो समर्थकों के साथ वहीं धरने पर बैठ गए। इस बीच मौके पर पहुंचे एसडीएम व सीओ ने कई बार समझाने का प्रयास किया लेकिन वह नहीं उठे।
14 अगस्त को तरवां के बांसगांव के लोकप्रिय ग्राम प्रधान सत्यमेव जयते की बदमाशों ने घर से बुलाकर गोली मारकर हत्या कर दी थी। गुरुवार की सुबह कांग्रस नेताओं पीएल पुनिया और लल्लू को रोका गया। शाम चार बजे कांग्रेस के नेताओं के सर्किट हाउस से लखनऊ रवाना होते ही बार्डर पर चंद्रशेखर आजाद के आने की खबर ने प्रशासन के हाथ पांव फूला दिए।
अंबेडकर नगर जिले के जहागीर गंज थाने के एक गांव में पिछले दिनों हुए एक दलित लड़की के दुष्कर्म की घटना के संबंध में उसे व उसके परिजनों से मिलने के बाद आजमगढ़ आ रहे आजाद को पुलिस ने लोहरा टोल प्लाजा के पास ही रोक लिया।
20 से अधिक वाहनों के काफिले से वहां पहुंचे आजाद अपने समर्थकों संग वहीं बीच सड़क पर धरने पर बैठ गए। केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अड़ गए। एसडीएम दिनेश कुमार मिश्र ने डीएम से बात कराई। उन्हें धारा 144 का हवाला दिया गया। आजाद ने एक दो समर्थकों के साथ वहां जाने की बात कही इसके बावजूद प्रशासन ने नहीं जाने दिया। उनके साथ एहसान खान, रावेंद्र भाटी, देवेंद्र सिंह, सत्यपाल सिंह, समेत पूर्वांचल के कई पदाधिकारी मौजूद रहे। वहीं मौके पर एसपी ग्रामीण सिद्धार्थ, कई सीओ व कई थानों की फोर्स पीएसी के साथ तैनात रही।