2020 के चुनाव में अभी नौ दिन शेष हैं और चुनाव पूर्व मतदान की व्यवस्था में अब तक पौने छह करोड़ वोट डाले जा चुके हैं। पिछले चुनावों की तुलना में इस बार मतदान पूर्व वोटिंग ज्यादा होने वाली है। चुनावों के नतीजे आने में भी देरी हो सकती है। यह भी संभावना है कि चुनाव की रात में यह जानकारी न आ सके कि कौन विजयी हुआ।
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका के पचास राज्यों में चुनाव अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे में यह जानकारी मिली है। रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में चुनाव पूर्व मतदान में डाले गए वोटों की अपेक्षा इस बार ज्यादा वोट पड़ेंगे। अभी नौ दिन बाकी हैं और वोटिंग पहले की अपेक्षा ज्यादा हो गई है। पिछली बार 42 फीसद वोट चुनाव पूर्व डाले गए थे।
अमेरिकन डेली के अनुसार देश में साढ़े 25.7 करोड़ से ज्यादा जनसंख्या 18 साल से ऊपर की है। इनमें से करीब 24 करोड़ वोटर हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक डाले गए पौने छह करोड़ वोटों में से 54 फीसद वोट उन 16 राज्यों में डाले गए हैं, जो राज्य इस साल चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हैं। इस बार मतदान से पहले वोट डालने वालों में 18 से 29 साल के युवाओं में भी अच्छी खासी बढ़ोतरी हुई है। इनकी संख्या इस बार पिछले चुनावों से ज्यादा है। चुनाव का विश्लेषण ये भी बताता है कि जिन राज्यों में चुनाव पूर्व मतदान बढ़ा है, उन स्थानों पर ट्रंप की जीत का अंतर बहुत ज्यादा नहीं रहा था।
ट्रंप 2016 में फ्लोरिडा में मुश्किल से एक फीसद से भी कम वोटों के अंतर से जीते थे। यहां पर ट्रंप को 49.02 फीसद वोट मिले थे, जबकि उनकी प्रतिद्वंदी डेमोक्रेट हिलेरी क्लिंटन को 47.82 फीसद वोट मिले थे।