केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघावाल का उज़्बेकिस्तान दौरा कई मायनों में “एक पंथ दो काज” साबित हुआ। दरअसल, ताशकंद में आयोजित “संघाई सहयोग संगठन” के संस्कृति मंत्रियों की दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेने उज़्बेकिस्तान पहुंचे केंद्रीय संसदीय कार्य और संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघावाल ने दो दिवसीय बैठक में हिस्सा लेकर ना सिर्फ़ आपसी सांस्कृतिक सम्बन्धों को प्रगाढ़ बनाने का काम किया बल्कि अपने व्यस्त कार्यक्रम से वक़्त निकाल कर उज़्बेकिस्तान के कई संस्थानों, विश्वविद्यालयों और इंस्टीट्यूट्स का भी दौरा किया साथ ही कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शिरकत कर भारतीय दर्शन व सांस्कृतिक मूल्यों पर संवाद भी किया।
इसी कड़ी में मेघवाल ताशकंद में प्रवासी भारतीयों के साथ आयोजित सांस्कृतिक संध्या समारोह में शरीक हुए और उनके साथ भारतीय दर्शन एवं सांस्कृतिक मूल्यों पर संवाद किया साथ ही प्रवासी भारतीय समुदाय के लोगों से भी कई अहम मुद्दों पर आत्मीय संवाद किया।
इस मौक़े पर अर्जुन मेघवाल ने कहा कि, “यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि दोनो देशों के आपसी सम्बन्धों को मज़बूत करने में प्रवासी भारतीयों द्वारा सराहनीय कार्य किया जा रहा है..”
उज़्बेकिस्तान प्रवास के दौरान मेघवाल ने समरकंद में इंटरनेशनल इन्स्टिटयूट फ़ॉर सेंट्रल एशियन स्टडीज़ का भी दौरा किया और भारत एवं मध्य एशिया के ऐतिहासिक व सांस्कृतिक सम्बन्धों को मज़बूती देने के पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की।
उज़्बेकिस्तान प्रवास के दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समरकंद स्थित स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी परिसर पहुंचे और वहां मौजूद भारतीय मूल के विद्यार्थियों से संवाद किया। इस मौक़े पर उन्होंने छात्र-छात्राओं के साथ नए भारत के वैश्विक परिदृश्य में बढ़ते प्रभाव व आगामी अमृत काल में युवा पीढ़ी की भूमिका को लेकर विस्तृत चर्चा की।
अर्जुन मेघवाल ने समरकंद की प्रतिष्ठित “सिल्क रोड इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ टूरिज्म एंड हेरिटेजका” भी दौरा किया और आपसी सहयोग को और मज़बूत करने और आगे बढ़ने के संबंध में विभिन्न विषषयों पर अपनी बात रखी।
उज़्बेकिस्तान यात्रा के दौरान केंद्रीय संस्कृति मंत्री अर्जुन मेघवाल के साथ भारत सरकार के कई उच्च अधिकारी एवं एडिशनल पीएस अंशु भारद्वाज भी मौजूद रहे।