UK NEWS: उत्तराखंड में पंचायतों का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जा सकता। इस दौरान पंचायती राज निदेशालय ने मामले का परीक्षण कराने के बाद शासन को रिपोर्ट यह सौंप दी है।
संगठन की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव पंचायतीराज को प्रकरण का परीक्षण कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा।
वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत संगठन पंचायतों का दो साल कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहै है।
दरअसल, जुलाई माह में संगठन की मांग पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिव पंचायतीराज को प्रकरण का परीक्षण कर एक महीने के भीतर रिपोर्ट मांगी थी।
ग्राम पंचायत, क्षेत्र और जिला पंचायत प्रतिनिधि का यह कहना है कि हम इसलिए दो साल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग कर रहे है क्योंकि कोविड-19 की वजह से दो साल तक पंचायतों को कोई बजट नहीं मिला।
और ना ही इस दौरान पंचायतों की कोई बैठकें तक हो पाई। संगठन की मांग पर ही सीएम धामी ने मामले का परीक्षण कराने के निर्देश दिए थे।
इस दौरान शासन ने प्रदेश के महाधिवक्ता से सुझाव मांगा। अफसरों ने अनुच्छेद 243 का हवाला देते हुए कहा, पंचायतों का कार्यकाल पांच साल के लिए है। और इसके अनुसार कार्यकाल को अधिक समय के लिए नहीं बढ़ाया जा सकता।
आपको बता दें कि अब नवंबर में पंचायतों का पांच साल का कार्यकाल खत्म हो रहा है। इस दौरान दिसंबर में 7,795 ग्राम पंचायतों और 400 जिला पंचायत सदस्यों समेत क्षेत्र पंचायत और वार्ड सदस्यों के पदों पर चुनाव कराए जाएंगे।
उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन से जुड़े पंचायत प्रतिनिधियों ने अपने पंचायतों का कार्यकाल को बढ़ाने की मांग को लेकर प्रदेश के 89 ब्लॉक कार्यालयों में तालाबंदी कर प्रदर्शन किया।ताकि उनकी मांग को जल्द पूरा किया जा सकें।