कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक ने एग्जिट पोल का जमकर उड़ाया मज़ाक कहा, "एग्जिट पोल जनता के मनोरंजन का एक माध्यम है। यह 10 मार्च को साफ होगा कि जनता ने किसे चुना है।"
पंखुड़ी पाठक का 1992 में दिल्ली में हुआ था। उनके पिता डॉ. जेसी पाठक और मां डॉ. आरती पाठक निजी प्रैक्टिस करते हैं। पंखुड़ी का एक छोटा भाई भी है, जिनका नाम चिराग पाठक है। साल 2010 में हंसराज कॉलेज की जॉइंट सेक्रेटरी का चुनाव जीतने के बाद पंखुड़ी ने 2 से 3 साल तक पार्टी की तरफ से प्रत्याशियों को छात्रसंघ का चुनाव भी लड़वाया। सोशल मीडिया पर उनके लाखों फॉलोअर्स है। सोशल मीडिया के साथ वह जमीनी राजनीति में भी बहुत सक्रीय है।
यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान टीवी चैनलों पर होनेवाली बहसों में पंखुड़ी का बेबाक अंदाज खूब चर्चा में रहा। पंखुड़ी पाठक मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली हैं और उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री ली है। पंखुड़ी का कोई पॉलिटिकल बैकग्राउंड नहीं है। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। साल 2010 में पंखुड़ी दिल्ली के हंसराज कॉलेज में जॉइंट सेक्रेट्री का चुनाव जीता था। तब उनकी उम्र महज 18 साल थी और यहीं से मुख्यधारा की राजनीति में उनकी एंट्री हुई थी।
सपा नेता रहे अनिल यादव से हुई है शादी
पंखुडी ने कुछ विवादों के चलते समाजवादी पार्टी को छोड़ दिया था और कुछ समय बाद कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। पंखुड़ी ने दिसंबर 2019 में सपा नेता रहे अनिल यादव से शादी की। अनिल यादव की ये दूसरी शादी है। उनका पहली पत्नी से तलाक हो चुका है।
Exit Poll ka kaam –
1. Survey companies ki rozi roti chalaana
2. News channels ke package ka rate badhana
3. Result tak janta ko entertained rakhna
Last ten years have seen exit polls go so horribly wrong that don't even bother to watch them anymore.
— Pankhuri Pathak पंखुड़ी पाठक پنکھڑی (@pankhuripathak) March 7, 2022
वही, कांग्रेस प्रत्याशी पंखुड़ी पाठक ने एग्जिट पोल का जमकर उड़ाया मज़ाक कहा, “एग्जिट पोल जनता के मनोरंजन का एक माध्यम है। यह 10 मार्च को साफ होगा कि जनता ने किसे चुना है।”
पंखुडी पाठक ने कहा की एग्जिट पोल का काम सिर्फ “सर्वे कंपनियों की रोज़ी रोटी चलाना, न्यूज चैनल के पैकेज का रेट बढ़ाना और परिणाम तक जनता को मनोरंजन रखना है। ”
पिछले दस वर्षों में एक्जिट पोल इतने भयानक रूप से गलत हुए हैं कि अब उन्हें देखने की भी जहमत नहीं उठाई।
एग्जिट पोल की मानें तो नोएड़ा, दादरी और जेवर विधानसभा सिटों पर भाजपा का पलड़ा भारी बताया जा रहा है। हालांकि, दादरी और जेवर में सपा-रालोद गठबंधन प्रत्याशियों ने भाजपा को कड़ी चुनौती दी है। जिससे इन सीटों पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी इन दोंनो सिटो पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराते नजर नहीं आए।
बसपा प्रत्याशियों ने मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की भरपूर कोशिश तो की है, लेकिन एग्जिट पोल के हिसाब से उनको सभी दावे फीके नजर आ रहे है। नोएडा सीट की भी यही स्थिती है। यहां से सपा प्रत्याशी सुनील चौधरी ने भी भाजपा को टक्कर देने की कोशिश की है, लेकिन जीत भाजपा के मौजूदा विधायक पंकज सिंह कि झोली मे गिरती नजर आ रही है। अगर एग्जिट पोल सही साबित हुआ तो बसपा प्रत्याशी कृपाराम शर्मा, कांग्रेस की पंखुड़ी पाठक व आम आदमी के पंकज अवाना में तीसरे, चौथे व पांचवें नंबर की लड़ाई में हैं।