नई दिल्ली : अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद तालिबान लगातार अपनी छवि साफ दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन वो लगातार जिस तरह की हरकते अफगानी नागरिकों और महिलाओं के साथ कर रहा है, वे उसके सभी कोशिशों को नाकाम कर रहे है। आपको बता दें कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद अफगान की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हो गई है। हालांकि कई देश उसकी मदद भी कर रहे है, जिसमें एक चीन भी है।
तालिबान ने लिखी भारत को चिट्ठी
आपको बता दें कि अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से दुनियाभर के देशों ने वहां जाने वाली अपनी उड़ानें रोक दी थीं। अब सरकार बनाने के बाद तालिबान ने भारत से अपील की है कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को फिर से शुरू किया जाए। इसके लिए पहली बार तालिबान ने भारत को औपचारिक खत लिखा है। अफगान सिविल एविएशन अथॉरिटी ने डायरेक्टोरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) से अफगान नैशनल कैरियर्स को दोनों देशों के बीच उड़ाने शुरू करने की इजाजत देने की अपील की है।
अमेरिकी सैनिकों ने किया था एयरपोर्ट को क्षतिग्रस्त
द वायर की रिपोर्ट के मुताबिक DGCA को लिखे खत पर अफगानिस्तान के कार्यकारी उड्डयन मंत्री अल्हाज हमीदुल्ला अखुंदजादा का दस्तखत है। DGCA चीफ अरुण कुमार को लिखे खत में कहा गया है कि, ‘जैसा कि आपको पता है कि हाल ही में अमेरिकी सैनिक देश छोड़ते वक्त काबुल एयरपोर्ट को क्षतिग्रस्त और बेकार करके गए हैं। कतर की तकनीकी सहायता से एयरपोर्ट फिर से काम कर रहा है और इस बारे में 6 सितंबर, 2021 को NOTAM जारी कर दिया गया है।’
‘संचालन में करें मदद’
अखुंदजादा ने लिखा है कि इस खत का मकसद दोनों देशों के बीच यात्रियों के मूवमेंट को सुचारू रूप से करने का है। खत में आगे लिखा है, ‘हमारे नैशनल कैरियर (आरियाना अफगान एयरलाइन और काम एयर) ने अपनी तय फ्लाइट्स चलाने का लक्ष्य बनाया है। इसलिए अफगानिस्तान सिविल एविएशन अथॉरिटी आप उनकी कर्मशल फ्लाइट्स के संचालन में मदद करें।’
आपको बता दें कि अमेरिका ने 31 अगस्त को अफगानिस्तान छोड़ दिया था। उसके सारे सैनिक देश लौट गए और इसके साथ ही काबुल एयरपोर्ट भी तालिबानी लड़ाकों के हाथ में आ गया था। इसके बाद कतर ने एक्सपर्ट्स और उपकरण भेजकर इसकी मरम्मत में मदद की थी।