रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के मामले को देखते हुए सोमवार को इलाबादाद हाईकोर्ट ने बड़ा आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने योगी सरकार को आदेश देते हुए कहा था कि सूबे के पांच जिलों में जहां लॉकडाउन ज्य़ादा है, वहां तत्काल लॉकडाउन लगाया जाय। हाईकोर्ट ने योगी सरकार को सूबे के पांच बड़े जिले लखनऊ,गोरखपुर,प्रयागराज,वाराणसी और कानपुर नगर में तत्काल लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार आदेश को मानने से इनकार कर दिया था।
Supreme Court stays yesterday’s Allahabad High Court order, imposing lockdown in five cities in Uttar Pradesh. pic.twitter.com/WJIzR5FxYH
— ANI (@ANI) April 20, 2021
मंगलवार को योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। सर्वोच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से दो हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा है।
The Supreme Court bench today in its order also asked the state of Uttar Pradesh to submit before the state High Court its various steps and measures taken to control the pandemic, within a week.
— ANI (@ANI) April 20, 2021
योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि जब सरकार को जब लॉकडाउन की आवश्यकता महसूस होगी, उसे सरकार खुद लगाएगी। सरकार ने आगे कहा कि कोर्ट का कार्यपालिका के प्रयासों में दखल देना, सरकार के कामकाज,आजीविका के साथ ही दूसरी चीजों में भी दिक्कत खड़ी करेगा। हालात पर काबू पाने के लिए सरकार हर संभव कोशिश कर रही है।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने योगी सरकार की तरफ से चीफ जस्टिस की बेंच में मामला रखा। उन्होंने कहा कि यह कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र में दखल है। कोरोना वायरस संक्रमण पर काबू पाने के लिए सरकार पहले ही अपनी तरफ से जरूरी कदम उठा रही है। योगी सरकार की ओर से कहा गया है कि प्रदेश में कई कदम उठाए गए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ ही गरीबों की आजीविका भी बचानी है। इसके चलते शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा।