पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे। जिसके बाद रूल्स आॅफ इंगेजमेंट (आरओई) में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए गए है। इन बदलाव के बाद वास्वविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात जवानों को पूरी छूट दी गई है ताकि वे सामरिक स्तर पर स्थिति को संभाल सकें।
अधिकारी ने कहा कि कमांडर अब हथियार के उपयोग को लेकर प्रतिबंध से बाध्य नहीं होंगे और असाधारण स्थितियों से निपटने के लिए सभी संसाधनों का उपयोग करते हुए उनके पास उसका जवाब देने का पूर्ण अधिकार होगा। 45 साल बाद गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद आरओई में संशोधन किया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर सर्वदलीय बैठक में कहा था कि सेना को सीमा पर आवश्यक कदम उठाने की स्वतंत्रता दी गई है। अधिकारियों का कहना है कि आरओई में बदलाव के बाद कुछ भी ऐसा नहीं है जो भारतीय कमांडरो की क्षमता को सीमित करे। अब वे एलएसी पर आवश्यक कार्रवाई कर सकते है। चीनी सैनिकों की क्रूर रणनीति का जवाब देने के लिए आरओई में संशोधन किया गया है।