आगरा: गरीब असहाय और जरुरतमंदों की सेवा के साथ-साथ सम्मान करने वाली विदुषी और प्रमुख समाजसेविका डॉक्टर बीना लवानिया को ब्राह्मण परिषद् आगरा द्वारा उनके सेवाभाव के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह की अध्यक्षता अंतराष्ट्रीय चिकित्सक डॉक्टर आर.एस.पारीक ने की। कार्यक्रम की शुरुआत मंच पर उपस्थित अतिथियों ने भगवान श्री परशुराम जी के चित्र के सामने दीप जलाकर माला पहनाकर किया। इसके बाद डॉक्टर श्रीभगवान शर्मा ने इस कार्यक्रम के मुख्य उद्देश्य की चर्चा की।
इसके बाद परिषद् का परिचय दिया गया, फिर समारोह का हिस्सा बने सभी सम्मानित लोगो ने अपना परिचय दिया। परिचय के बाद डॉक्टर श्रीभगवान शर्मा ने भेंट किए जाने वाले प्रशस्ति पत्र को पढ़ा इसके बाद डॉक्टर आर.एस.पारीक ने प्रशस्ति पत्र भेंट किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉक्टर बीना लवानिया ने इस कार्यक्रम में भी आगरा जिले में सेवा करने का संकल्प लिया। उन्होने अपने भाषण में कहा कि आगरा के पौराणिक प्राचीन स्थलों को विकसित कर पर्यटन स्थल बनाने में अपना योगदान देंगी। इसके बाद उन्होने कहा कि लोग ताजमहल के साथ साथ इन स्थलों को देख अपनी प्राचीन संस्कृति से परिचित हो सकेंगे और प्रेरणा लेंगें।
वहीं अध्यक्षीय भाषण में डॉक्टर पारीक जी ने समारोह के लिए आयोजकों को धन्यवाद दिया तथा डॉक्टर बीना लवानिया को उनके लक्ष्य के प्रति आशीर्वाद दिया। मंच पर पंडित रामदर्शन तथा एडवोकेट देवेंद्र वाजपेई विराजमान थे। इस अवसर पर डॉक्टर राजीव उपाध्याय,जगदीश पचोरी उप सभापति नगर निगम,डॉक्टर डी.वी. शर्मा, तथा डॉक्टर कैलाश सारस्वत को करोना काल की सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में विशेष रूप से रमाकांत सारस्वत,पंकज मिश्रा, महेश शर्मा, उमाधार पाठक,राहुल चतुर्वेदी,डॉक्टर हरी नारायन चतुर्वेदी,सुनील दुबे,अनुज शर्मा,धर्मेश चौबे,जगदीश पचोरी,पंडित ब्रह्मदत्त शर्मा पार्षद,केशव वशिष्ठ,ब्रजेश पंडित, सुरेन्द्र शर्मा,वीरेंद्र श्रोत्रिय,वी.डी. दुबे,संजय अरोड़ा, पंकज शर्मा, अभिषेक शर्मा,विनोद शर्मा,नरेंद्र उपाध्याय,आशीष भारद्वाज,भानु दीक्षित एवं पी.एल.शर्मा आदि उपस्थित थे। समारोह का संचालन डॉक्टर श्रीभगवान शर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापित श्री सुरेन्द्र शर्मा ने किया।
आपको बता दें आगरा जिले के लिए डॉक्टर बीना लवानिया सेवा और अपनी संस्कृति को बचाने के लिए हमेशा ही लगी रहती है। उनके द्वारा किए गये कामों की सराहना जितनी की जाय उतनी ही कम है।