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प्रशासन के नोटिस के बाद भी नहीं मानें आंदोलनरत किसान, टिकैत ने फिर ‘अलापा’ बात की राग

By: Amit ranjan 
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प्रशासन के नोटिस के बाद भी नहीं मानें आंदोलनरत किसान, टिकैत ने फिर ‘अलापा’ बात की राग

नई दिल्ली : 28 जनवरी को दिल्ली गाजीपुर बॉर्डर पर हुए हाईवोल्टेज ड्रामे के बाद एक बार फिर किसान अपनी मांगों को लेकर डटे हुए है। वहीं दूसरी तरफ यूपी के मुजफ्फरनगर में किसानों ने महापंचायत का ऐलान किया है, जिस पंचायत में किसान आंदोलन और सरकार को लेकर कई मुद्दों पर बातचीत होगी। खबरों की मानें तो एक बार फिर किसान सरकार को घेरने को लेकर नये रोड मैप की तैयारी कर सकते है।

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हम प्रदर्शन स्थल खाली नहीं करेंगे, हम पहले अपने मुद्दों पर भारत सरकार से बात करेंगे। गौरतलब है कि 11 चरणों के वार्ता विफल होने के बाद गणतंत्र दिवस के दिन उत्पात मचाने के बाद एक बार फिर सरकार से बात करने की बात कर रहें है, यानी की जो बातें वो 11वें दौर की वार्ता में नहीं कर सकें, वो अब उसे 12वें दौर की वार्ता में पूरी करेंगे।

वहीं सिंघु बॉर्डर से किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सतनाम सिंह पन्नू ने कहा कि सरकार जो भी करे हम सिंघु बॉर्डर नहीं छोड़ेंगे। जब तक कानून रद्द नहीं हो जाते और MSP पर नया कानून नहीं बन जाता हम यहां से नहीं जाएंगे। गौरतलब है कि दिल्ली पुलिस द्वारा विभिन्न सीमाओं पर डटे किसानों को लेकर नोटिस जारी कर सीमाओं को खाली करने को कहा गया है, जिसे लेकर कई किसान वापस जा चुके है, वहीं कई किसान संगठन भी इस आंदोलन से खुद को अलग कर चुके है।

अब जब किसानों का यह आंदोलन कमजोर पड़ता नजर आया तो टिकैत ने भी बिहार के मुखिया नीतीश कुमार की तरह इमोशनल दाव चला। जिसका नतीजा रहा कि एक बार फिर गाजीपुर बॉर्डर पर भारी जन सैलाब उमड़ गया है।

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