मानसून सत्र के दौरान संसद के दोनों सदनों ने किसानों के हित में केंद्र सरकार की ओर से पेश तीन विधेयकों को पारित कर दिया था। अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इन तीन कृषि बिल को पास कर दिया है।
इन विधेयकों का पूरे देश में विरोध हो रहा है। खासकर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के किसान इनके विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, विपक्ष भी इन विधेयकों को लेकर केंद्र पर निशाना साध रहा है।
अब ये तीनों विधेयक कानून बन गए हैं। केंद्र सरकार ने इन विधेयकों के संसद से पारित होने के बाद कहा था कि अब किसानों को अपनी फसल मंडी ही नहीं किसी भी खरीदार को किसी भी कीमत पर और किसी भी राज्य में बेचने की आजादी मिलेगी।
इसमें किसानों को फसल बेचने से जुड़ी कई आजादी मिली हैं। अब किसान मनचाही जगह पर अपनी फसल बेच सकते हैं। बिना किसी रुकावट दूसरे राज्यों में भी फसल बेच और खरीद सकते हैं।
अब एपीएमसी के दायरे से बाहर फसलों की खरीद-बिक्री हो सकेगी। साथ ही फसल की बिक्री पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा। ऑनलाइन बिक्री की भी अनुमति होगी। इससे किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी।