रिपोर्ट: सत्यम दुबे
देहरादून: उत्तराखंड की धामी सरकार सूबे के ग्राम्य विकास और पलायन आयोग को संवैधानिक संस्थान बनाने की तैयारी में जुट गई है। सूबे के ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने इस मामले में प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दे दिए हैं। इसके साथ ही उन्होंने महिला स्वयं सहायता समूहों की आजीविका में बढ़ोतरी के मद्देनजर देहरादून स्थित हिलांस आउटलेट का सालाना टर्नओवर दो सौ करोड़ रुपये तक ले जाने की रूपरेखा बनाने पर भी जोर दिया।
आपको बता दे कि पलायन के लिए मजबूर होने वाले लोगो लिए साल 2017 में भाजपा सरकार बनने के बाद इसकी रोकथाम के लिए सुझाव देने के लिए ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत पलायन आयोग का गठन किया गया। गठन के बाद आयोग ने इस संबंध में प्रदेश के सभी गांवों का सर्वे कर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी। अब पलायन आयोग जिलेवार सर्वे कर वहां पलायन की रोकथाम के लिए रिपोर्ट तैयार करने में जुटा है।
इस मामले में अब तक नौ जिलों की रिपोर्ट सरकार को सौंपी जा चुकी है। बुधवार को ग्राम्य विकास मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने देहरादून स्थित उत्तराहाट के सभागार में पलायन आयोग के कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आयोग पूरी मुस्तैदी के साथ गांवों से पलायन रोकने और राज्य के विकास के लिहाज से अहम सुझाव सरकार को दे रहा है। इसे अमल भी किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि आयोग को संवैधानिक संस्था के रूप में स्थापित किया जाएगा।बैठक के बाद विभागीय मंत्री ने हिलांस आउटलेट का निरीक्षण किया। आपको बता दें इसमें ग्राम्य विकास विभाग की आजीविका विकास योजना में पंजीकृत महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री की जाती है।
मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद को बताया गया कि आउटलेट का सालाना टर्नओवर करीब 10 करोड़ रुपये का है। इस पर मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह टर्नओवर 200 करोड़ रुपये हो, इसकी जल्द रूपरेखा तय की जाए। इस मौके पर पलायन आयोग के उपाध्यक्ष डा एसएस नेगी समेत कई और लोग मौजूद रहे।