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कुलपति द्वारा अजान को लेकर उठाए गए सवालों पर राजनीतिक बवाल शुरू, समर्थन में उतरे अयोध्या के संत

By: Amit ranjan 
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कुलपति द्वारा अजान को लेकर उठाए गए सवालों पर राजनीतिक बवाल शुरू, समर्थन में उतरे अयोध्या के संत

नई दिल्ली :  उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति द्वारा अजान को लेकर उठाए गए सवालों पर अब राजनीतिक के साथ-साथ धार्मिक बवाल भी शुरू हो गया है। जिसे लेकर अब दोनों धर्म और विचारधारा के लोग आमने-सामने आ गये है। वहीं मुस्लिम धर्म गुरूओं ने इसे एक साजिश बताया है। आपको बता दें कि इस मसले पर समाजवादी पार्टी के नेता अनुराग भदौरिया ने कहा है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, सिर्फ जाति-धर्म की बात हो रही है, रोज़गार पर जोर नहीं दिया जा रहा है। किसी शिक्षा संस्थान को इस तरह के मसले पर जोर नहीं देना चाहिए।

वहीं, भाजपा के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव ने कहा कि नमाज़ करना अधिकार है, लेकिन कोर्ट पहले ही कह चुका है कि लाउडस्पीकर लगाना निजता का हनन है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि लॉउडस्पीकर का प्रयोग करना संवैधानिक रूप से उचित नहीं है।

आपको बता दें कि इसी मसले पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का भी बयान सामने आया है, जिसमें  उन्होंने कहा कि अज़ान तो सिर्फ 2-3 मिनट के लिए ही होती है। शिकायत करने वालों को ये भी कहना चाहिए था कि जो सुबह आरती होती है, इससे भी उनकी नींद खराब होती है। मुस्लिम धर्मगुरु ने कहा कि सिर्फ अजान के लिए ऐसी शिकायत करना बिल्कुल गलत है, ऐसे में मैं मानता हूं कि उन्हें इस शिकायत को वापस लेनी चाहिए।

मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना सूफियान निजामी ने इस विवाद पर कहा कि हमारे मुल्क में हर मजहब के लोग रहते हैं, कहीं मस्जिद की अजान होती है तो कहीं मंदिर में भजन-कीर्तन होते हैं। अगर कोई कहता है कि सिर्फ अजान के कारण ही नींद में खलल होता है, तो ये ठीक नहीं है।

वहीं दूसरी तरफ अयोध्या में सरयू नित्य आरती के अध्यक्ष महंत शशिकांत दास ने कुलपति संगीता श्रीवास्तव की शिकायत का स्वागत किया है। उन्‍होंने कहा कि अगर हमारी पूजा या आराधना से किसी को कष्ट हो तो वह पूजा और आराधना व्यर्थ होती है। किसी भी धर्म, संप्रदाय का व्यक्ति हो, अगर पूजा और आराधना की जा रही है तो बिना लाउडस्पीकर के भी किया जा सकता है। लाउडस्पीकर चलाकर आजान और पूजन किया जाए यह मानने योग्य नहीं है। बिना लाउडस्पीकर के भी हमारी पूजा अल्लाह हो या भगवान स्वीकार करते है। हमारे पूजा या अजान से किसी व्यक्ति को कष्ट हो रहा है तो हमको उस बात को मानना चाहिए, उसमें किसी भी प्रकार का कोई अवरोध प्रकट नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिना लाउडस्पीकर के अजान की जा सकती है और करना भी चाहिए। दूसरे संप्रदाय के लोग निराकार को मानते हैं और जिसका कोई आकार ना हो उसके पूजन में लाउडस्पीकर का कोई भी औचित्य नहीं है। लाउडस्पीकर निश्चित तौर पर बंद किया जाना चाहिए। आपको बता दें कि प्रयागराज की इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी की कुलपति संगीता श्रीवास्तव ने 3 मार्च को डीएम को चिट्ठी लिखी थी। जिसमें उन्होंने कहा कि अजान के कारण उनकी नींद टूटती है और इसके बाद उनके काम में खलल पड़ता है। इसी को लेकर पूरा विवाद हो रहा है। कुलपति की चिट्ठी पर डीएम का कहना है कि उचित कार्रवाई की जाएगी।

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