देहरादून: यह टीम नशा तस्करों की गिरफ्तारी के साथ ही यह टीमें नशे की गिरफ्त में आए युवाओं को उबारने में भी मदद करेंगी। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस की सक्रियता बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।
दून में नशे के काले कारोबार में युवा और श्रमिक वर्ग जकड़ता जा रहा है। इसके अलावा यहां नशे के सौदागरों का तंत्र भी खूब फल-फूल रहा है। इस पर दून पुलिस ने नकेल कसने को पुख्ता कदम उठाए हैं।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने पुलिस अधीक्षक अपराध के पर्यवेक्षण में दो अलग-अलग टीमों का गठन किया है। बाहरी राज्यों की एसओजी, थाना और स्थानीय अभिसूचना तंत्र से समन्वय स्थापित कर अभियुक्तों की गिरफ्तारी की जाएगी। इसमें खासकर ड्रग्स की आपूर्ति करने वालों का सुराग लगाया जाएगा। साथ ही बाहरी राज्यों से मादक पदार्थो का व्यापार करने वाले व्यक्तियों की जानकारी जुटाई जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मादक पदार्थो की बिक्री करने वाले व्यक्तियों की गिरफ्तारी के बाद आरोपित को अधिक से अधिक सजा दिलाने का प्रयास किया जाएगा। ऐसे मोहल्ले-कॉलोनी चिह्नित किए जाएंगे, जो नशा करने के अड्डे के रूप में प्रयोग में लाए जाते हैं।
स्कूल के अलावा कोचिंग संस्थान आदि जहां नशा प्रयोग किया जाता है, उनकी जानकारी एकत्र की जाएगी। नशे में प्रयुक्त होने वाले नए-नए तरीकों, पाउच, पुड़िया, सप्लाई के तरीकों और नशे के सामान के रंग-रूप का अध्ययन किया जाएगा।
यह हैं टीमें
नगर क्षेत्र: निरीक्षक वीरेंद्र सिंह नेगी, कांस्टेबल, अरुण और राधेश्याम।
ग्रामीण क्षेत्र: निरीक्षक प्रदीप बिष्ट, कांस्टेबल धमेंद्र भट्ट और राजेश रावत।