प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति पर केंद्रीय कैबिनेट के फैसले से अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय से संबंधित युवाओं की अधिक शैक्षिक पहुंच सुनिश्चित होगी। उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि युवाओं को उच्च गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करना सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है।
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा मैट्रिक के बाद की छात्रवृत्ति पर आज के कैबिनेट के फैसले से SC समुदायों से संबंधित युवाओं के लिए अधिक शैक्षिक पहुंच सुनिश्चित होगी। हमारे युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता और सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करना हमारी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण फोकस क्षेत्र है।
बता दें कि मोदी सरकार के दलित बच्चों को पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप देगी। मंत्रिमंडल के इस फैसले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप योजना से अनुसूचित जाति के युवाओं के लिए शैक्षिक पहुंच और भी आसान होगा।
Today’s Cabinet decision on post-matric scholarship will ensure greater educational access to youngsters belonging to SC communities. Ensuring top quality and affordable education to our youth is an important focus area for our Government. https://t.co/JHBBhEZOM8
— Narendra Modi (@narendramodi) December 23, 2020
उन्होंने कहा कि हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि युवाओं के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सस्ती शिक्षा सुनिश्चित करें। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में आर्थिक मामलों से जुड़ी कैबिनेट कमेटी ने एससी पोस्ट मैट्रिक स्कॉलरशिप स्कीम को लेकर यह निर्णय लिया है।
केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत और केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा कि दलितों को शैक्षिक रूप से आगे बढ़ाने के लिए यह एक बड़ा फैसला है।
सरकार ने कहा कि लाभार्थी छात्रों को छात्रवृत्ति अब डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिए सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। मौजूदा समय में केंद्र सरकार इस पैसे को राज्यों और शैक्षणिक संस्थानों को देती थी और फिर छात्रों को मिलती थी। इस दौरान बहुतायत में गड़बड़ी होती थी।
इस बैठक में जो एक सबसे बड़ा फैसला हुआ, वह है केंद्र और राज्य सरकारों के बीच छात्रवृति के पैसे के हिस्सेदारी। अब छात्रवृति के पैसे का 60 फीसदी केंद्र सरकार और 40 फीसदी राज्य सरकारें देंगी।
पहले इस योजना के तहत सरकार राज्यों को हर साल औसतन 11 सौ करोड़ की मदद देती थी, लेकिन अब हर साल 6 हजार करोड़ दी जाएगी। आपको बता दें कि इस स्कीम के तहत सरकार दलित छात्रों को दसवीं के बाद 11वीं और 12वीं यानी पोस्ट मैट्रिक की पढ़ाई के लिए छात्रवृति देती है।