वाराणसी- आस्था और भक्ति का पर्व शारदीय नवरात्रि के अष्टमी को सुबह से ही भक्तों की लंबी कतार मंदिरों में देखने को मिली। कोरोना वैश्विक महामारी में कोरोना पर भक्तों का आस्था भारी पड़ता नजर आया।
सोशल डिस्टेंसिंग कि जहां तक बात की गई तो मंदी प्रशासन द्वारा दर्शनार्थियों को दर्शन करने के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनाए गए नियमों का पालन करने का बार-बार ध्वनि प्रसारण किया जा रहा था।
लेकिन भक्तों की आस्था में इसे दरकिनार कर पुराना जैसी महामारी को भूल लोग माता रानी का झलक पाने को बेकरार दिखे। माता अष्टभुजी का दरबार फुल व रंग बिरंगे झालरों से सजाया गया था।
वही भक्ति गाना से संपूर्ण कहां से गुंजायमान हो रही थी। चारों तरफ माता रानी के भजन सुनाई दे रहे थे, तो वहीं मंदिरों में भक्तों जय माता दी के जयकारों से गूंज रहा था। माता को अति प्रिय अड़हुल का फूल चुनरी वह नारियल लेकर भक्त माता के दरबार में मत्था टेकते नजर आए।
हर कोई के मन में माता रानी से कुछ ना कुछ मांग रहे थे। वहीं भक्तों द्वारा इस वैश्विक महामारी से जल्द ही निजात पाने की कामना भी कर रहे थे।
शंखनाद की ध्वनि जहां आत्मा को छू रही थी। वहीं मंदिर में विराजमान मां भुजा के अलौकिक दर्शन पाकर वक्त कृतार्थ हो रहे थे।