जम्मू-कश्मीर से बड़ी खबर है। दरअसल जम्मू कश्मीर और लद्दाख में अब कोई भी व्यक्ति जमीन खरीद सकता है। भारत सरकार ने भूमि कानूनों को अधिसूचित कर दिया है। हालांकि, अब भी कृषि भूमि खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं है। इस बारे में गृह मंत्रालय ने एक विज्ञप्ति जारी कर जानकारी दी है।
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस बारे में कहा है कि हम चाहते हैं कि बाहर की इंडस्ट्री जम्मू-कश्मीर में लगें, इसलिए इंडस्ट्रियल लैंड में इन्वेस्ट की जरूरत है लेकिन खेती की जमीन सिर्फ राज्य के लोगों के लिए ही रहेगी।
आपको बता दें कि इससे पहले जम्मू-कश्मीर में सिर्फ वहां के निवासी ही जमीन की खरीद-फरोख्त कर सकते थे लेकिन अब बाहर से जाने वाले लोग भी जमीन खरीदकर वहां पर अपना काम शुरू कर सकते हैं।
Unacceptable amendments to the land ownership laws of J&K. Even the tokenism of domicile has been done away with when purchasing non-agricultural land & transfer of agricultural land has been made easier. J&K is now up for sale & the poorer small land holding owners will suffer.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) October 27, 2020
केंद्र सरकार के इस निर्णय के बाद पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। उमर अब्दुल्ला ने अपने ट्वीट में लिखा कि जम्मू-कश्मीर में जमीन के मालिकाना हक के कानून में जो बदलाव किए गए हैं, वो स्वीकार करने लायक नहीं हैं।
आगे उन्होंने कहा कि अब तो बिना खेती वाली जमीन के लिए स्थानीयता का सबूत भी नहीं देना है। अब जम्मू-कश्मीर बिक्री के लिए तैयार है, जो गरीब जमीन का मालिक है अब उसे और मुश्किलें होंगी।
इसके अलावा उमर अब्दुल्ला ने लिखा कि केंद्र सरकार ने लेह काउंसिल के नतीजे आने का इंतजार किया, जब बीजेपी जीत गई तो अगले ही दिन लद्दाख को सेल पर रख दिय। लद्दाखियों ने बीजेपी में अपना भरोसा जताया तो उन्हें बदले में ये दिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। आदेश में लिखा गया है,’इस आदेश की व्याख्या सामान्य आदेश अधिनियम, 1897 के लिए लागू होता है क्योंकि यह भारत के क्षेत्र में लागू कानूनों की व्याख्या करता है।
बता दे, जम्मू-कश्मीर को पिछले साल ही अनुच्छेद 370 से मुक्त किया गया है, उसके बाद 31 अक्टूबर 2019 को जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश बन गया था।