नई दिल्ली : बिहार विधानसभा चुनाव 2020 से पहले आरजेडी और NDA ने रोजगार को लेकर कई वादे किये थे, एक तरफ जहां आरजेडी ने 10 लाख नौकरियों की बात कहीं थी, तो वहीं दूसरी ओर NDA ने 19 लाख रोजगार देने का वादा किया था। हालांकि अब जब बिहार में NDA की सरकार बन गई और इसके कुछ समय भी गुजर गये, तो अभी तक रोजगार को लेकर किसी तरह की फुसफुसाहट नहीं सुनाई दे रही।
आपको बता दें कि इसी रोजगार को लेकर जब बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा से सवाल किया गया तो उन्होंने अटपटा सा बयान दिये, जिसे लेकर नीतीश सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। उनका कहना है कि पुरानी व्यवस्था बदलने की वजह से बेरोजगारी बढ़ी है। बता दें कि बिहार के वैशाली जिले के महनार में आत्मनिर्भरता को लेकर आयोजित एक सेमिनार में पहुंचे मंत्री जी ने कहा कि हिंदुओं की पुरानी परंपरा यानी कि सनातनी व्यवस्था में रोजगार और बेरोजगार जैसे शब्द ही नहीं थे।
उन्होंने कहा कि पुराने समय में तो मां के गर्भ में ही बच्चे का रोजगार तय हो जाता था। आज व्यवस्था बदल गई है, इसलिए बेरोजगारी है। अगर हम मंत्री महोदय के शब्दों को सही-सही समझे तो मंत्री जी यह कह रहे थे कि पुराने समय में वर्ण के साथ ही रोजगार के तय हो जाने की जो परंपरा थी, वो रोजगार का बेहतरीन नमूना था।
आपको बता दें कि दरभंगा के जाले विधानसभा क्षेत्र से विधायक जीवेश मिश्रा को पहली बार बीजेपी कोटे से मंत्री बनाया गया है। जीवेश मिश्रा बिहार सरकार में श्रम संसाधन मंत्रालय का जिम्मा सम्भाल रहे हैं। इतने महत्वपूर्ण पद पर होने के बावजूद रोजगार को लेकर जीवेश मिश्रा का ऐसा अटपटा बयान वाकई चौंकाने वाला है।
गौरतलब है कि NDA ने विधानसभा चुनाव के दौरान कोरोना वैक्सीन और रोजगार जैसे दो अहम मुद्दों को लेकर कई दावे किये थे। जिसमें से पहला कोरोना वैक्सीन, जो एनडीए सरकार की गठन के बाद मुफ्त प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है, लेकिन रोजगार के विषय में अब तक कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है।