नई दिल्ली : देवभूमि उत्तराखंड में कुदरत लगातार कहर बरपा रहा है, जिससे चारों तरफ हाहाकार की स्थिति मची हुई है। आपको बता दें कि एक बार फिर बादल फटने से उत्तराखंड में भारी तबाही मची हुई है। जिस कारण देहरादून से लेकर देवप्रयाग तक जगह-जगह मलबा और कीचड़ नजर आ रहा है। कई रिहायशी इलाकों में पहाड़ से टूटकर चट्टाने लोगों के घरों पर जा गिरीं। वहीं कई दुकानें भी इस तबाही में ध्वस्त हो गई हैं। गनीमत रहीं कि इस तबाही में किसी की जान नहीं गई।
दरअसल, मंगलवार रात बादल फटने की वजह से करीब 7 घंटे मूसलाधार बारिश हुई। जिसके चलते तबाही जैसा मंजर दिखने लगा। ऐसा जलसैलाब आया कि सड़क से लेकर लोगों को घरों तक में पानी भर गया। पूरी रात तबाही के इलाके के लोग सो नहीं सके। हालात बेकाबू हो गए। रात को ही एनडीआरफ टीम मौके पर पहुंच गई।
बता दें कि सबसे बुरी हालत देहरादून शहर की है, जहां आसमान से तीन घटें तक आफत बारिश इस कदर बरसी कि घरों में पानी घुसने के साथ ही कई जगह पेड़ गिरने लगे। कई रिहायशी इलाकों में पहाड़ से टूटकर चट्टानें घरों पर जा गिरीं। संतला देवी मंदिर के आसपास के एरिया में घरों में पानी घुस गया।
आलम यह हो गया कि देहरादून के आईटी पार्क जैसे पॉश इलाके में सड़कें तालाब बन गईं। जिसके चलते वाहनों का जाम लग गया और सड़क पर वह तैरने लगीं। कई घरों के अंदर बड़े-बड़े पत्थरों के साथ मिट्टी घुस गई। राजधानी के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश से हाहाकार मच गया। लोगों को रेस्क्यू करने के लिए एडीआरएफ के जवानों को आधी रात को बुलाना पड़ा।
बारिश का पानी और मलबा घरों में घुसने की वजह से लोग रातभर सो नहीं सके। वह घरों से पानी बाहर निकालते रहे और अपना सामान बचाने में लगे रहे। बादल फटने की सूचना खाबड़वाला क्षेत्र में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी मौके पहुंचे और राहत एंव बचाव का कार्य शुरू करवाया।
तेज बारिश के चलते कई नदियां उफान पर आ गईं। जिसके चलते पानी नदियों से निकलकर लोगों को घरों में घुसने लगा। सुबह जब नदियों का जलस्तर कम होना शुरू हो गया था, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। मौसम विभाग ने 26 अगस्त तक उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी दी है।