राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने स्वदेशी को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल उन्होंने कहा है कि स्वतंत्रता के बाद देश की जरूरतों के अनुरूप आर्थिक नीति नहीं बनी।
उन्होंने कहा कि दुनिया व कोविड-19 के अनुभवों से स्पष्ट है कि विकास का एक नया मूल्य आधारित मॉडल आना चाहिए।
उन्होंने स्वदेशी पर बात करते हुए इसका मतलब समझाया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी का अर्थ जरूरी नहीं यही हो कि सभी विदेशी उत्पादों का बहिष्कार किया जाए।
भागवत ने कहा , हमें इस बात पर निर्भर नहीं होना चाहिए कि हमारे पास विदेश से क्या आता है, और यदि हम ऐसा करते हैं तो हमें अपनी शर्तों पर करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विदेशों में जो कुछ है, उसका बहिष्कार नहीं करना है लेकिन अपनी शर्तों पर लेना है। भागवत ने कहा कि ज्ञान के बारे में दुनिया से अच्छे विचार आने चाहिए।