मथुरा : अनुशासनहीन, लापरवाह और भ्रष्टाचारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अनुशासनहीन, लापरवाह और भ्रष्टाचारी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामला मथुरा के उपायुक्त श्रम रोजगार वीरेंद्र कुमार का है, जिन्हें अनुशासनहीनता और स्वेच्छाचारिता के आरोप में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निलंबित करने का आदेश दिया है। इस दौरान वीरेंद्र कुमार कार्यालय आयुक्त, ग्राम्य विकास, लखनऊ से सम्बद्ध रहेंगे।
CM श्री @myogiadityanath जी ने उपायुक्त (श्रम रोजगार), जनपद मथुरा को मनमाने ढंग से कार्य करने, बिना अनुमति कार्यालय से अनुपस्थित रहने तथा नोटिस का जवाब न देने सहित अनुशासनहीनता के अनेक आरोपों में तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं।@spgoyal @sanjaychapps1@74_alok pic.twitter.com/mb4ExveDnl
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) November 25, 2020
इसके अलावा संयुक्त विकास आयुक्त, आगरा मण्डल को जांच अधिकारी बनाया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बुधवार को ट्वीट कर यह जानकारी दी। इससे पहले 21 नवंबर को ऐसे ही आरोपों में सीएम योगी ने संभल के जिला विकास अधिकारी रामसेवक को सस्पेंड कर दिया था।
निलंबित उपायुक्त, श्रम रोजगार, मथुरा वीरेंद्र कुमार पर मनमाने ढंग से कार्य करने, बिना अनुमति कार्यालय से अनुपस्थित रहने और डीएम द्वारा कारण बताओ नोटिस का जवाब न देने सहित अनुशासनहीनता के अनेक आरोप हैं। आरोप है कि वीरेंद्र कुमार आए दिन छुट्टी पर चले जाते हैं और जवाब मांगने पर जवाब भी नहीं देते।
इसके अलावा परिवहन निगम ने चित्रकूटधाम बांदा के प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक संजीव कुमार अग्रवाल को बुधवार घूसखोरी के आरोप में सस्पेंड कर दिया। निगम के प्रवक्ता अनवर अंजार ने बताया कि संजीव कुमार अग्रवाल ने बीते मंगलवार को लिपिक रमेश कुमार वर्मा से वेतन विसंगति को सही करने के लिए 10 हजार रुपए की रिश्वत ली थी, जिसको एंटी करप्शन टीम ने रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया था। बुधवार को संजीव को जेल भेज दिया गया। शाम को उसके निलंबन के आदेश जारी कर दिए गए हैं।