नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल में तीन चरणों का चुनाव खत्म हो चुका है, जिसके बाद अभी भी चार चरणों का चुनाव शेष है। इन सभी चरणों के चुनाव को लेकर सभी पार्टियां जी तोड़ मेहनत कर रही है। वहीं चुनाव आयोग भी उन सभी राज्यों में अपनी नजर बनाये हुए हैं, जहां विधानसभा चुनाव हो रहे है। आपको बता दें कि अपने इसी पैनी नजर को लेकर चुनाव आयोग ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को एक के बाद एक, दूसरी नोटिस भेजा है। जिसमें उन्होंने ममता बनर्जी से जवाब मांगा है, अगर वे जवाब नहीं देती हैं तो उन पर उचित कार्रवाई की जायेगी।
गौरतलब है कि चुनाव और चुनाव प्रचार के दौरान ममता सरकार लगातार BSF और CRPF के जवानों पर भारतीय जनता पार्टी की मदद करने और वोटरों को मतदान करने से रोकने का आरोप लगाती रही है। जिसके लेकर अब चुनाव आयोग ने संज्ञान लेते हुए ममता को नोटिस भेजा है। बता दें कि इससे पहले आयोग ने ममता को ‘मुस्लिमों के एकजुट हो जाने’ वाले बयान पर नोटिस भेजा था।
8 अप्रैल यानी कल चुनाव आयोग की ओर से भेजे गए दूसरे नोटिस में ममता बनर्जी के उन बयानों का जिक्र है, जिसमें वह केंद्रीय सुरक्षा बलों के रोल पर सवाल उठा रही हैं। टीएमसी के एक प्रतिनिधिमंडल ने 21 फरवरी को बांग्लादेश बॉर्डर की सुरक्षा में तैनात बीएसएफ पर एक पार्टी के पक्ष में ग्रामीणों को धमकाने का आरोप लगाया था।
ममता को भेजे गए नोटिस में बीएसएफ पर लगे आरोपों पर पर चुनाव आयोग का कहना है कि बीएसएफ पर आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है, बीएसएफ देश ही बेहतरीन फोर्स में से एक है, बीएसएफ पर सवाल उठाना गलत है। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने नोटिस में ममता के उस बयान का जिक्र किया, जिसमें वो कह रही हैं कि वोटरों को मतदान करने से CRPF रोक रही है।
चुनाव आयोग का कहना कि सीआरपीएफ समेत सभी अर्द्धसैनिकों बलों की चुनाव कराने में अहम भूमिका है, वह कानून व्यवस्था से लेकर निष्पक्ष चुनाव संपन्न कराते हैं। आयोग ने कहा कि ममता बनर्जी का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है, इससे न केवल चुनाव के दौरान, बल्कि चुनाव के बाद भी केंद्रीय सुरक्षा बलों पर सवाल उठेंगे।
आयोग का कहना है कि ममता का बयान चुनाव आचार संहिता के साथ ही आईपीसी की धारा 186, 189 और 505 का उल्लंघन है। ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग ने 10 अप्रैल को दिन में 11 बजे तक जवाब मांगा हैं। आयोग का कहना है कि अगर ममता बनर्जी जवाब नहीं देती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव के दौरान रैलियों को लेकर उमड़ी भीड़ और मास्क ना लगाने को लेकर चुनाव आयोग को जमकर फटकारा है। और इन सभी रैलियों में कोरोना के गाइडलाइनों का पालन क्यों नहीं किया जा रहा है, इसे लेकर जवाब मांगा है। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव आयोग को सख्ती से कोरोना के नियमों को लागू करने का आदेश दिया है।