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ममता ने खोला पीएम मोदी के इलेक्ट्रिसिटी बिल के खिलाफ मोर्चा, लेटर लिखकर बताया जनविरोधी

संसद में लाए गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोर्चा खोल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लेटर लिखकर इस बिल को जनविरोधी बताया है और कहा है कि इससे बिजली महंगी हो जाएगी और दाम बढ़ाकर कंपनियां मुनाफा कमाएंगी। ममता ने लिखा लेट में लिखा कि, ''यह सुनकर हैरान हूं कि केंद्र हमारी आपत्तियों पर विचार किए बिना जनविरोधी विधेयक फिर से ला रहा है।''

By: Amit ranjan 
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ममता ने खोला पीएम मोदी के इलेक्ट्रिसिटी बिल के खिलाफ मोर्चा, लेटर लिखकर बताया जनविरोधी

नई दिल्ली : संसद में लाए गए इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल के खिलाफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मोर्चा खोल दिया है। इसके साथ ही उन्होंने लेटर लिखकर इस बिल को जनविरोधी बताया है और कहा है कि इससे बिजली महंगी हो जाएगी और दाम बढ़ाकर कंपनियां मुनाफा कमाएंगी। ममता ने लिखा लेट में लिखा कि, ”यह सुनकर हैरान हूं कि केंद्र हमारी आपत्तियों पर विचार किए बिना जनविरोधी विधेयक फिर से ला रहा है।”

ममता बनर्जी ने विधेयक पर आगे ना बढ़ने की अपील करते हुए कहा कि इस विषय पर पहले पारदर्शी तरीके से बातचीत होनी चाहिए और राज्यों से विचार-विमर्श किया जाए। ममता बनर्जी ने इसे देश के संघीय ढांचे के खिलाफ बताया। साथ ही यह भी कहा कि इससे सर्विस प्रोवाइडर्स टैरिफ बढ़ाएंगे और बिजली महंगी हो जाएगी।

ममता बनर्जी ने लिखा कि, ”मैं यह पत्र संसद में केंद्र सरकार की ओर से निंदनीय इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल 2020 रखे जाने पर विरोध जताने के लिए लिख रही हूं। इसे पिछले साल पास किए जाने को प्रस्तुत किया गया था, लेकिन हम में से कई लोगों के द्वारा इसके जनविरोधी पक्षों को सामने लाया गया था, जून 12, 2020 को मैंने एक लेटर लिखकर इस बिल की कमियों के बारे में आपको बताया था।”

नए संशोधित कानून की मानें तो उपभोक्ता बिजली का कनेक्शन ठीक उसी तरह बदल पाएंगे, जिस तरह से वे मोबाइल कनेक्शन को पोर्ट कराते हैं। सरकार का कहना है कि इससे बिजली उभोक्ताओं को बेहतर सुविधा मिलेगी। इसके अलावा उपभोक्ताओं को बिजली कंपनियों के बीच होने वाली प्रतिस्पर्धा का भी फायदा मिल सकेगा।

वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त होगी

12 जुलाई, 2021 को जारी लोकसभा के बुलेटिन के अनुसार नए संशोधित बिजली कानून के लागू होने से वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त होगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी। इसके अलावा इस कानून के तहत बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) को मजबूत करने और नवीकरणीय खरीद प्रतिबद्धता (आरपीओ) को पूरा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा।

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