महाकुंभ 2025 की तैयारियां जोरों पर हैं। 22 जनवरी को उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट की बैठक महाकुंभ के दौरान अरैल के त्रिवेणी संकुल में आयोजित की जाएगी। इस महत्वपूर्ण बैठक में 54 मंत्री और 130 वीआईपी भाग लेंगे, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी शामिल होंगे। बैठक में महाकुंभ क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात व्यवस्था को और बेहतर बनाने के कदम उठाए जाएंगे।
उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक महाकुंभ 2025 के दौरान 22 जनवरी को प्रयागराज के अरैल स्थित त्रिवेणी संकुल में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत 54 मंत्री और 130 वीआईपी शामिल होंगे। बैठक का समय अभी तय नहीं किया गया है, लेकिन संभावना है कि यह दोपहर 12 बजे के आस-पास होगी।
बैठक में गंगा स्नान और यातायात व्यवस्था पर खास ध्यान
बैठक में शामिल होने वाले सभी मंत्री गंगा में पुण्य की डुबकी लगाएंगे। इसके लिए वीआईपी जेटी का विस्तार किया जा रहा है ताकि आम श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। बैठक के अरैल में आयोजित होने से महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए यातायात व्यवस्था सुगम रहेगी और मेला क्षेत्र तक पहुंचने वाले मार्गों पर कोई भी अवरोध नहीं होगा।
महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रस्ताव
बैठक में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, जिसके तहत महाकुंभ क्षेत्र को हमेशा के लिए प्लास्टिक मुक्त घोषित किया जा सकता है। नगर निगम के सहयोग से इस प्रस्ताव को तैयार किया जा रहा है। मेला अवधि के दौरान कुंभ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त घोषित किया जाता है, लेकिन यदि इसे स्थायी रूप से लागू किया जाता है, तो यह निर्मल गंगा की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
धार्मिक क्षेत्रों के लिए विशेष क्षेत्र घोषित करने की योजना
कैबिनेट बैठक के दौरान प्रयागराज, अयोध्या, वाराणसी, मथुरा जैसे प्रमुख धार्मिक शहरों को एक विशेष धार्मिक क्षेत्र के रूप में घोषित करने का प्रस्ताव भी रखा जा सकता है।
महाकुंभ के बाद धनराशि के उपयोग को लेकर सुझाव
सर्वदलीय पार्षद और पूर्व पार्षदों ने महाकुंभ के आयोजन के बाद बची धनराशि को विशेष आर्थिक पैकेज के रूप में विकास कार्यों के लिए इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है। यह प्रस्ताव महाकुंभ की 22 जनवरी को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा।
इस बैठक में नगर निगम के पार्षदों जैसे शिवसेवक सिंह, आनंद घिल्डियाल, अजय यादव, कुसुम लता और अन्य ने 74वें संविधान संशोधन को प्रभावी तरीके से लागू करने की मांग भी की है।