नई दिल्ली : मध्यप्रदेश में एक सरकारी आदेश पर विवाद बढ़ने के बाद सरकार को उसे वापस लेना पड़ गया। दरअसल पशुपालन विभाग ने पूरे प्रदेश के अनुपयोगी सांडों की नसबंदी का फरमान निकाला था। जिसके बाद शिवराज सरकार के इस फरमान का विरोध भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने किया, विरोध के अगले ही दिन शिवराज सरकार को आदेश निरस्त करना पड़ा।
साध्वी प्रज्ञा के कारण वापस हुआ आदेश
साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि, ‘मैंने इस आदेश के बारे में सीएम शिवराज सिंह और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से बातकी थी, जिसके बाद यह आदेश वापस ले लिया गया। आपको बता दें कि शिवराज सरकार ने 4 अक्टूबर को ज़िला कलेक्टरों को यह आदेश जारी किया था। आदेशानुसार, निकृष्ट सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए चलाया जाए बधियाकरण (नसबंदी) अभियान, 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलना था। लेकिन इस अभियान को लेकर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने सांडो की नसबंदी पर सवाल उठाए थे। साध्वी ने कहा था- ‘प्रकृति के साथ ऐसा खिलवाड़ नहीं होना चाहिए, यदि देसी सांडों की नसबंदी की गई तो इनकी नस्ल खत्म हो जाएगी।’
पशुपालन एवं डेयरी विभाग संचालक ने जारी किया स्थगित करने का आदेश
पशुपालन एवं डेयरी विभाग संचालक डॉ. आर.के. मेहिया ने अभियान को स्थगित करने का आदेश जारी किया है’। एमपी सरकार के फैसला वापस लेने पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि मैंने इस आदेश के बारे में सीएम शिवराज सिंह चौहान और पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल से बात की थी। इसके बाद यह आदेश कैंसल हुआ है।
4 अक्टूबर को निकाला गया था आदेश
मध्यप्रदेश सरकार के पशुपालन विभाग की तरफ से मध्यप्रदेश के सभी ज़िला कलेक्टरों को आदेश जारी किए गए थे कि निकृष्ट सांडों की संख्या में निरंतर हो रही वृद्धि को देखते हुए बधियाकरण(नसबंदी) अभियान 4 अक्टूबर से 23 अक्टूबर तक चलाया जाए। इसके लिए सभी गांव के पशुपालकों के पास/गौशालाओं में उपलब्ध या निराश्रित निकृष्ट सांडों का बधियाकरण किया जाए।
साध्वी प्रज्ञा ने खड़े किए थे सवाल
इस आदेश का एक तरफ पशुपालकों और हिन्दू संगठनों ने विरोध किया था तो वहीं भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने भी सांडों की नसबंदी पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा था, प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं होना चाहिए. यदि देसी सांडों की नसबंदी की गई तो नस्ल ही खत्म हो जाएगी’। वहीं सांडों की नसबंदी का आदेश निरस्त होने के बाद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने कहा कि ‘मुझे लगता है कि यह आदेश कोई आंतरिक षड्यंत्र है, इससे सावधान रहने की जरूरत है। देसी गोवंश को नष्ट नहीं होना चाहिए। इस मामले की मुख्यमंत्री से जांच कराने की मांग करूंगी’।