कोरोना का संकट इस देश के ऊपर ऐसा आया है की इसने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ कर रख दी है। सिर्फ सरकार को ही नहीं बल्कि इस देश के किसानों को भी बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है। दरअसल फरवरी में सरसों की कटाई के बाद और मार्च में गेंहू की कटाई के बाद खेत दो तीन महीने खाली रहते है।
अब इन खाली खेतों में दो तरह से किसान की इनकम होती है, एक तो पशुधन से और दूसरी सब्जी और फूल से, दरअसल सभी किसान अपनी अपनी क्षमता के अनुसार फूलों और सब्जियों की खेती करते है और अप्रैल मई में शादी के सीजन में अच्छी कमाई करते है।
आपने देखा होगा की गर्मियों में दिन बड़े बड़े होते है इसलिए अधिकतर बड़े बड़े धार्मिक आयोजन भी गर्मियों में किये जाते है। बड़े बड़े अनुष्ठान जिनमे बहुत अधिक समय लगता है उनके लिए भी अप्रैल मई का महीना सही रहता है। ऐसे में इनमें उपयोग होने वाले फूल से किसान भाई अच्छा कमाते है।
अब चूँकि देश में लॉकडाउन है तो ऐसे में ना कोई धार्मिक कार्य हो रहे है और ना ही कोई शादियां होने वाली है, ना ही शॉपिंग माल खुले है ऐसे में अब किसान भाइयों ने जनवरी फरवरी में खर्चा करके जो पौध तैयार की वो अब खेत में खड़ी है लेकिन फूल अब किसी काम के नहीं।
ऐसे में भीलवाड़ा के गुलाब उत्पादक किसानों को तो लाखों का नुकसान हो रहा है वही मध्यप्रदेश और गुजरात के किसानों का भी यही हाल है। लेकिन चूँकि देश संकट में है इसलिए किसान भाई अब कर भी क्या कर सकते है !