कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है। किसानों की ओर से 26 जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर रैली रोकने के लिए केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में दिए एफिडेविट को लेकर राहुल ने ट्वीट किया है। राहुल ने ट्वीट करते हुए लिखा, 60 से ज्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है।
केंद्र के नए कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने 26 जनवरी गणतंत्र दिवस पर राजधानी दिल्ली में ट्रैक्टर परेड करने की बात कही है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करके गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली या किसी भी तरह के मार्च पर रोक लगाने के आदेश देने का अनुरोध किया है।
आवेदन में कहा गया है कि इस तरह के मार्च अथवा रैली के कारण गणतंत्र दिवस उत्सव में व्यवधान पैदा हो सकता है और कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित हो सकती है। साथ ही इससे दुनिया के सामने भी गलत संदेश जाएगा। राहुल ने इसी को लेकर ट्वीट किया है।
60 से ज़्यादा अन्नदाता की शहादत से मोदी सरकार शर्मिंदा नहीं हुई लेकिन ट्रैक्टर रैली से इन्हें शर्मिंदगी हो रही है!
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 13, 2021
राहुल गांधी लगातार किसानों का समर्थन कर रहे हैं और केंद्र सरकार से कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। इससे पहले राहुल ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से कृषि कानूनों पर बातचीत के लिए बनाई गई कमेटी को लेकर कहा कि क्या कृषि-विरोधी क़ानूनों का लिखित समर्थन करने वाले व्यक्तियों से न्याय की उम्मीद की जा सकती है? ये संघर्ष किसान-मज़दूर विरोधी कानूनों के खत्म होने तक जारी रहेगा। राहुल ने कहा है कि सरकार की सत्याग्रही किसानों को इधर-उधर की बातों में उलझाने की हर कोशिश बेकार है। उनकी मांग साफ है कि ये नए कानून वापस लिए जाएं।
केंद्र सरकार बीते साल तीन नए कृषि कानून लेकर आई है, जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडार सीमा खत्म करने जैसे प्रावधान किए गए हैं। इसको लेकर किसान जून के महीने से लगातार आंदोलनरत हैं और इन कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं।