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29 अप्रैल को प्रातः 6:10 पर खुलेंगे केदारनाथ के कपाट

By RNI Hindi Desk 
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{ केदारनाथ से नरेश भट्ट की रिपोर्ट }

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में अग्रणी व पर्वतराज हिमालय की गोद में बसे भगवान केदारनाथ के कपाट खुलने व पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के ऊखीमठ से हिमालय गमन की तिथियां महाशिवरात्रि पर्व पर शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मन्दिर में पंचांग गणना के अनुसार विद्वान आचार्यों व हक-हकूधारियों ने घोषित कर दी है।

ऐसा संयोग वर्षो बाद बन रहा है जब श्री बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट एक तिथि में खुल रहे हैं। जहां भगवान बद्रीनाथ के कपाट 29 अप्रैल की सुबह चार बजे खुलेंगे, वहीं इसी दिन प्रातः 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न पर भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे, जबकि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली 26 अप्रैल को ऊखीमठ से हिमालय के लिए रवाना होगी।

बता दें कि हर वर्ष महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ कपाट खुलने की तिथि घोषित की जाती है। इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर्व पर भगवान केदारनाथ के शीतकालीन मंदिर में कपाट खुलने और पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली के हिमालय गमन की तिथि पौराणिक परम्पराओं व रीति रिवाजों के अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ घोषित की गयी।

25 अप्रैल को ओंकारेश्वर मन्दिर में केदारपुरी के क्षेत्र रक्षक भैरवनाथ की पूजा कर यात्रा के निर्विघ्न संपंन होने की कामना की जायेगी। 26 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंच मुखी चल विग्रह उत्सव डोली शीतकालीन गद्दीस्थल से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों पर श्रद्धालुओं को आशीष देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए फाटा पहुंचेगी।

27 अप्रैल को भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली फाटा से रवाना होकर शेरसी, बड़ासू, रामपुर, सीतापुर तथा सोनप्रयाग होते हुए द्वितीय रात्रि प्रवास के लिए गौरी माता मंदिर गौरीकुण्ड पहुंचेगी।

28 अप्रैल को डोली गौरीकुण्ड से रवाना होकर केदारनाथ धाम पहुंचेगी तथा 29 अप्रैल को प्रात 6 बजकर 10 मिनट पर मेष लग्न में जय भोले के उदघोषों के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये जायेंगे। महाशिवरात्रि पर्व पर ओंकारेश्वर मन्दिर में विगत वर्षों भी भांति इस वर्ष भी भण्डारे का आयोजन किया गया तथा श्रद्धालुओं ने भारी संख्या में जल अभिषेक कर पूजा-अर्चना की।

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