झांसी में शनिवार को एसिड अटैक को लेकर बनाई गई फिल्म के प्रदर्शन के बाद कुछ युवाओं ने नुक्कड़ नाटक के जरिए महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को दर्शाते हुए लोगों से अपनी मानसिकता को बदलने की अपील की। लगभग एक दर्जन युवाओं ने शहर के इलाइट चौराहे पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से यह दर्शाया कि कोई भी एसिड अटैक किसी भी लड़की का जीवन किस तरह से बर्बाद कर सकता है।
इस नाटक के जरिए यह बताया गया कि, पुरुष प्रधान समाज के लोगों को अपनी सोच को बदलने की जरूरत है, क्योंकि बेटी का भाई और पिता भी पुरुष ही होता है। इसके अलावा एसिड अटैक करने वाले विकृत मानसिकता के लोगों के घर में भी बेटी और महिलाएं होती हैं। नुक्कड़ नाटक के जरिए युवाओं ने महिलाओं को सशक्त होने का भी संदेश दिया।
वहीं स्थानीय युवक ने कहा कि, इस नाटक का मुख्य उदेश्य यह है की जिस प्रकार ‘छपाक’ फिल्म एसिड अटैक पर बनी है। उसी प्रकार नाटक माध्यम से यह संदेश दिया गया है कि, अपने बदले की भावना के कारण एक महिला की पूरी जिंदगी खबर हो जाती है।