नई दिल्ली: सरकार देशभर में प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जन औषधि केंद्रों की संख्या बढ़ाने पर तेजी से काम कर रही है। अब तक 15,000 जन औषधि केंद्र खोले जा चुके हैं और 2027 तक 10,000 और केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा गया है।
क्या है प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना (PMBJP)
इस योजना की शुरुआत 2008 में रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय के फार्मास्यूटिकल्स विभाग द्वारा की गई थी। पहले इसे जन औषधि योजना के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में PMBJP (Pradhan Mantri Bhartiya Jan Aushadhi Pariyojana) कर दिया गया। इस योजना के तहत सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली जेनेरिक दवाएं लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
2027 तक 25,000 केंद्र खोलने का लक्ष्य
सरकार ने 31 मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का लक्ष्य रखा है। अभी तक 15,000 केंद्र खोले जा चुके हैं, जिससे लाखों लोगों को सस्ती दवाएं मिल रही हैं।
जन औषधि दिवस पर स्वास्थ्य शिविर और जागरूकता अभियान
7वें जन औषधि दिवस 2025 के मौके पर देश के 25 विरासत स्थलों (हेरिटेज साइट्स) पर हेरिटेज वॉक आयोजित की गई। इसके अलावा, 500 से अधिक जन औषधि केंद्रों में हाई ब्लड प्रेशर, शुगर लेवल जांच और डॉक्टर परामर्श जैसी मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं दी गईं।
नई दिल्ली के हौज खास सहित देशभर में रविवार को 25 हेरिटेज वॉक का आयोजन किया गया। 7वें जन औषधि दिवस 2025 के दूसरे दिन की शुरुआत देश के 25 ऐतिहासिक स्थलों पर विरासत भ्रमण के साथ हुई। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से आयोजित इस कार्यक्रम में पीएमबीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि दाधीच ने हौज खास में अधिकारियों और केंद्र मालिकों के साथ इस वॉक का नेतृत्व किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हर साल 7 मार्च को “जन औषधि दिवस” मनाया जाता है, जिससे जेनेरिक दवाओं के महत्व को प्रचारित किया जा सके। इस वर्ष जन औषधि दिवस सप्ताह 1 से 7 मार्च 2025 तक देशभर में आयोजित किया जा रहा है, जिसमें जन औषधि केंद्रों पर उपलब्ध किफायती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं से होने वाले लाभों के प्रति आम नागरिकों को जागरूक किया जा रहा है।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में देशभर में 15,000 से अधिक जन औषधि केंद्र संचालित हो रहे हैं, जो सभी जिलों को कवर करते हैं। सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक 25,000 जन औषधि केंद्र खोलने का है, जिससे आम लोगों को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिल सकें।
इसके साथ ही, देशभर के 500 से अधिक जन औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए गए, जिनमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए रक्तचाप जांच, शुगर लेवल टेस्ट और मुफ्त चिकित्सीय परामर्श जैसी सेवाएं उपलब्ध कराई गईं। इन स्वास्थ्य शिविरों के माध्यम से प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना के महत्व को उजागर करने और स्वस्थ जीवनशैली के प्रति जागरूकता बढ़ाने का प्रयास किया गया।