मुजफ्फरनगर में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने कारागार में अपना कार्यभार संभाला है। जेल अधीक्षक के रूप में उनकी मुजफ्फरनगर में दूसरी पोस्टिंग है। बता दें कि जेल अधीक्षक अरुण कुमार सक्सेना का पिछले दिनों शासन द्वारा वाराणसी जनपद में तबादला कर दिया था। उनके स्थान पर जनपद उरई में जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा को मुजफ्फरनगर में तैनात किया गया। वही मुजफ्फरनगर में अपराध दिन पर दिन बढ़ रहे थे, जेल अधीक्षक के आने के बाद रातों-रात सिक्का पलट गया अपराध करने वाले अपराधी सीताराम शर्मा का नाम सुनकर खौफ खाने लगे। जिसके बाद अपराधी भी भजन कीर्तन की राह पर चल दिए।
उन्होंने कहा कि जिला कारागार में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चैबन्द रखना उनकी शीर्ष प्राथमिकता रहेगा। बंदियों के हितों के लिए भी वह काम करेंगे और उनके स्वास्थ्य के साथ ही खान पान का पूरा प्रबंध किया जायेगां कैदियों को अवसाद से बचाने के लिए जिला कारागार प्रशासन और सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रमों को भी लागू कराया जायेगा।
जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने बताया कि इससे पहले मैं 4 साल तक दूसरी जनपद में जेल अधीक्षक रहा हूं मुजफ्फरनगर का कार्यभार संभालने पर मेरी पहली प्राथमिकता सुरक्षा व्यवस्था कि रहेगी वई बंदियों कि उनकी रहने खाने पीने की व सुरक्षा व्यवस्था सही तरीके से सुनिश्चित की जाएगी कुछ नए बदलाव भी किए जाएंगे जिससे कानून व्यवस्था सुरक्षा व्यवस्था मजबूत हो और सुद्रढ़ रहे वही सभी व्यवस्थाएं कारागार की समझी जा रही है कोई भी त्रुटि नजर आई तो उसको दूर किया जाएगा।
वही वीर सावरकर के जन्मदिवस के अवसर पर जिला जेल पधारे स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज व अन्य अतिथियों ने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हुये सर्वप्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति पटल पर माल्यार्पण व पुष्पांजली अर्पित की। जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
उन्होंने कहा कि जेल का वातावरण शुद्ध हो रहा है। उन्होंने जेल में पुस्तकालय स्थापित करने में योगदान करने वाले समाजसेवियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। जेल की महिला बंदियों ने अपने बनाए बैग अतिथियों को भेंट किए।
कार्यक्रम में मुख्य रुप से एसपी सिटी अर्पित विजय वर्गीय, डॉ. रंजीत सिंह जेल चिकित्साधिकारी, कमलेश सिंह जेलर, सुरेंद्र मोहन सिंह, कैलाश नारायण शुक्ला, मेघा राजपूत, लक्ष्मी, कनिष्ठ सहायक रेनू वाजपेयी, फार्मासिस्ट शैलेंद्र कुमार राही आदि उपस्थित रहे।
स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने अधिकारियों के साथ जेल को देखा। वहां की व्यवस्था पर संतोष जताया और जेल के बारे में मुख्यमंत्री योगी से भी बात की।
वीर सावरकर के जन्मदिवस के अवसर पर जिला जेल पधारे स्वामी अवधेशानन्द गिरि महाराज व अन्य अतिथियों ने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेते हुये सर्वप्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्मृति पटल पर माल्यार्पण व पुष्पांजली अर्पित की। तत्पश्चात जेल परिसर मंदिर में दीप प्रज्जवलन, शिवलिंग पर जलाभिषेक किया तथा फिर कारागार में नवग्रह वाटिका का उद्घाटन व वृक्षारोपण किया।
उन्होंने जिला जेल, मुजफ्फरनगर के अस्पताल का फीता काटकर शुभारम्भ किया। अस्पताल में भर्ती बंदियों को अपने हाथों से फल आदि वितरित किये। भोजनालय का अवलोकन करते हुये स्वामी अवधोशानंद ने जेल प्रशासन एवं व्यवस्था की प्रशंसा की। नवीन पुस्तकालय का उद्घाटन किया गया तथा बंदियों ने भाव-भक्ति के साथ मां सरस्वती वंदना एवं स्वागतगान से सभी का मन मोह लिया। इस अवसर पर जेल अधीक्षक सीताराम शर्मा ने स्वामी अवधेशानंद एवं एडीजी जोन मेरठ राजीव सभरवाल, डीआइजी कारागार अमिता दूबे, एसएसपी अभिषेक यादव, एसपी सिटी अर्पित विजय वर्गीय का स्वागत एवं सम्मान किया गया।
अवधेशानन्द गिरि महाराज ने बंदियों से कहा कि जीवन का सार मुख्यतः इन तीन बिन्दुओं पर ही केन्द्रित रहना चाहिये, ठीक बोलो-ठीक सोचो-ठीक करो, तो फिर जीवन में परेशानियां नहीं होंगी। उन्होनें कहा कि मुजफ्फरनगर जेल को लेकर सबकी धारणा पूरी तरह यहां आकर बदल गयी और यहां पर बैठे बंदियों के हंसते चेहरे बता रहे है कि सभी बंदी यहां पर पूरी तरह शांति पूर्वक ढ़ंग से धर्म लाभ उठा रहे है।
वही इससे पहले उरई में जेल अधीक्षक सीताराम ने कई काम लोगों के लिए किए। जेल का रंग रूप बदल कर रख दिया था। जिला अध्यक्ष ने उरई में चार साल काम किया कैदियों के लिए अच्छा खाना, पंखा, रहने की व्यवास्था की, उरई में कई और भी अच्छा काम किया है। जिससे कैदियों और लोगों के बीच उनका सम्मान काफी बढ़ा है।
उरई में जेल अध्यक्ष ने कहा था की टीम ट्वारा जिला कारागार उरई के प्रबंधन और प्रशासन के प्रति निष्ठा ईमानदारी और सुधारात्मक प्रयासों के लिए अपने एंव क्षेत्रवासियों के तरफ से आभार व्यक्त करता हूं। जब से जिला कारागार का कार्यभार संभाला है। वही जिला कारागार में जेल में कैदियों के लिए 250 पुस्तक की व्यवस्था भी की थी। वही जेल अधीक्षय सीताराम शर्मा ने मुजफ्फरनगर में भी 250 से अधिक पुस्तक की व्यवस्था की।