कराची: पाकिस्तान की एक अदालत ने एक नाबालिग ईसाई लड़की का जबरन धर्मपरिवर्तन कराकर इस्लाम कुबूल करने के आरोप में एक मौलवी के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया है। काजी मुफ्ती अहमद जान रहीम के खिलाफ 16 अक्टूबर को पीडि़त लड़की की ओर से रिपोर्ट लिखाए जाने के बाद से वह भगोड़ा घोषित हो चुका है।
यह मौलवी एक अन्य मामले में भी धर्मांतरण और एक अन्य लड़की का जबरन निकाह पढ़वाने के लिए भी आरोपित है। लिहाजा, कराची में एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने इस मौलवी के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया है। यह मामला दर्ज कराने वाली ईसाई लड़की ने आरोप लगाया है कि उससे जबरन इस्लाम कुबूल कराया गया और उनका निकाह मुहम्मद इमरान नाम के एक आदमी से कराया दिया गया।
नाबालिग लड़की ने इस मामले में मौलवी के साथ ही उसके पति और उसके चार अन्य रिश्तेदारों को नामजद कराया है। पिछले महीने ही अदालत ने रहीम और चार अन्य संदिग्ध के खिलाफ एक जमानती वारंट जारी किया था। जज ने पुलिस को निर्देश दिया है कि आरोपित मौलवी को 16 नवंबर तक अदालत में पेश करे।