दुबई: अमेरिकी वैक्सीन फाइजर बायोएनटेक और ब्रिटेन की एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन को ईरान में इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। एक टेलीवाइज संदेश में उन्होंने पश्चिमी देशों के प्रति अविश्वास जताते हुए कहा कि अमेरिका व ब्रिटेन में महामारी के कारण हालात काफी खराब हैं। ‘मुझे वास्तव में इस पर विश्वास नहीं है।’ उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी और ब्रिटिश वैक्सीन का आयात देश में प्रतिबंधित किया गया है। मैंने इस बारे में अधिकारियों से बात की है और अब सार्वजनिक तौर पर इसका ऐलान करता हूं।
यदि अमेरिका में कारगर वैक्सीन निर्माण की क्षमता होती तो वहां का हाल इतना बुरा नहीं होता।’ मिड्ल ईस्ट में नए कोरोना वायरस का प्रकोप सबसे अधिक ईरान पर ही रहा। यहां पिछले माह के अंत में कोविड-19 वैक्सीन का पहला ह्यूमन ट्रायल शुरू किया गया था। खामनेई ने वैक्सीन के देश में विकास की प्रक्रिया की तारीफ की और कहा कि ईरान दूसरे विश्वसनीय जगहों से वैक्सीन आयात करेगा। ईरान में सरकारी स्वामित्व वाले फार्मास्युटिकल संघ में शामिल शिफा फार्मेड ने टीके का विकास किया है।
यह पहला टीका है जो मानव परीक्षण के स्तर पर पहुंचा है। उस वक्त राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा था कि ईरान एक और टीके के उत्पादन के लिए किसी दूसरे देश के साथ साझेदारी कर रहा है जिसका फरवरी में मनुष्यों पर परीक्षण किया जा सकता है। उन्होंने इससे ज्यादा कुछ नहीं कहा। ईरान में अब तक 12 लाख से अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं और करीब 55,000 लोगों की जान जा चुकी है।
इसके अलावा खामनेई ने कहा कि 2015 के न्यूक्लियर डील में अमेरिका को दोबारा शामिल करने के लिए तेहरान को कोई जल्दी नहीं है लेकिन इस्लामिक रिपब्लिक पर लगाए गए रोकों को तुरंत खत्म किया जाना चाहिए। खामनेई ने कहा, ‘हम न तो इसके लिए अमेरिका से आग्रह कर रहे हैं और न ही किसी तरह की जल्दबाजी में हैं। लेकिन हमारी मांग है कि हम पर लगे प्रतिबंधों को तुरंत हटाया जाए। ‘ वर्ष 2018 से ही अमेरिका और ईरान के बीच तनावपूर्ण संबंध हैं।