देश में एक तरफ जहां कोरोना के एक्टिव केस घट रहे है वहीं दूसरी और कोरोना की स्वदेशी दवाई आने की भी उम्मीद बढ़ती जा रही है। आपको बता दे की जो स्वदेशी वैक्सीन इस देश में बनाई जा रही है उसका तीसरा और अंतिम ट्रायल शुरू हो रहा है और ये देश का सबसे बड़ा ट्रायल होगा।
भारत बायोटेक दुनिया की एकमात्र वैक्सीन कंपनी है, जिसके पास जैव सुरक्षा स्तर-3 (BSL3) उत्पादन सुविधा है और पिछले महीने कंपनी ने कहा था कि उसने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है।
तीसरे चरण में इस वैक्सीन का ट्रायल करीब 26 हजार वॉलंटियर्स पर किया जाएगा और ये भारत में कोविड-19 वैक्सीन के लिए आयोजित होने वाला सबसे बड़ा ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल है। आपको बता दे कि इसका नाम कौवेक्सीन रखा गया है।
Phase 3 clinical trial of COVAXIN™️ takes off as the largest efficacy trial ever conducted in India, with about 26,000 participants. pic.twitter.com/qyCkoOkUl9
— BharatBiotech (@BharatBiotech) November 16, 2020
परीक्षण के दौरान वॉलंटियर्स को लगभग 28 दिनों के भीतर दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे। परीक्षण डबल ब्लाइंड कर दिया गया है जिससे कि इन्वेस्टिगेटर, प्रतिभागियों और कंपनी को यह पता नहीं होगा कि किस समूह को सौंपा गया है। इसमें वॉलंटियर्स को कोवैक्सीन या प्लेसीबो दिया जाएगा।
ज्ञात हो , हाल ही में अमेरिकी कंपनी मॉडर्ना ने दावा किया था कि उसकी कोरोना वैक्सीन 94.5 फीसदी प्रभावी साबित हुई है। लेट-स्टेज क्लिनिकल ट्रायल के शुरुआती डेटा के आधार पर कंपनी ने ये दावा किया।