उत्तर प्रदेश में कानपुर हिंसा के मामले में पुलिस की तरफ से पत्थरबाजों के पोस्टर जारी करने का असर दिखाई देने लगा है। पुलिस ने कड़ी कार्यवाई के चलते कई हिंसा करने वालों को गिरफ्तार किया है। वही, पोस्टर चस्पा होने के बाद पत्थरबाज सरेंडर कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में कानपुर हिंसा के मामले में पुलिस की तरफ से पत्थरबाजों के पोस्टर जारी करने का असर दिखाई देने लगा है। पुलिस ने कड़ी कार्यवाई के चलते कई हिंसा करने वालों को गिरफ्तार किया है। वही, पोस्टर चस्पा होने के बाद पत्थरबाज सरेंडर कर रहे हैं।
हिंसा में शामिल सल्लू नाम के युवक ने कर्नेलगंज थाने में सरेंडर किया है. पुलिस ने सल्लू के बड़े भाई और बहनोई को गम्मु खा के हाता से हिरासत में लिया था, जिसके बाद देर रात सल्लू ने थाने में सरेंडर किया। उत्तर प्रदेश के कानपुर में सल्लू वीडियो में पत्थर फेंकते हुए नजर आया था
पुलिस ने 54 आरोपियों को किया गिरफ्तार
पुलिस ने अबतक कार्यवाई में 54 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पिछले 24 घंटे में चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। फिलहाल बुलडोज़र नहीं चलाया जाएगा। 147 ऐसी इमारतों की वीडियोग्राफी करवाई जा रही है, जिसमें से पत्थर चलाए गए या जहां पर आरोपी रहते थे।
कानपुर में जुमे की नमाज के दौरान हिंसा भड़काने के मामले में अब तक 54 आरोपितों की गिरफ्तारी हो चुकी है, जिसमें पीएफआई के तीन सदस्य भी हैं। पुलिस ने सभी के खिलाफ साक्ष्य मिलने का दावा किया है।
मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी ने बड़ा खुलासा किया
परेड नई सड़क हिंसा के मामले में गिरफ्तारी के बाद मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी ने बड़ा खुलासा किया। एक बड़े अधिकारी द्वारा की गई पूछताछ में हयात ने कहा कि ‘मैं तो एक प्यादा हूं, आकाओं को पकड़ो।’ इन्हीं आकाओं ने हयात और उससे जुड़े लोगों को हिंसा के लिए उकसाया था। हयात ने चार लोगों के नाम भी बताए हैं। उसके इस कबूलनामे के बाद से जांच एजेंसियों की नींद उड़ गई है।
अफसरों ने हयात को सपोर्ट करने वाले चारों आकाओं की तलाश तेज कर दी है, मगर वह शहर छोड़कर कहीं भूमिगत हो गए हैं। पुलिस ने उनके ठिकानों पर छापेमारी की लेकिन वह हाथ नहीं लगे। उनके शहर से बाहर भागने की प्रबल संभावना पर पुलिस की कई टीमें उनकी तलाश में लगी हैं। टीमें बरेली, लखनऊ, कानपुर देहात, जालौन, फतेहपुर, उन्नाव व प्रदेश के कुछ अन्य जिलों में भेजी गई हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि हयात के आकाओं ने कानपुर ही नहीं बल्कि देश में बड़ी अशांति फैलाने की तैयारी की थी लेकिन कानपुर पुलिस की तत्परता के चलते वह अपने मंसूबे में कामयाब नहीं हो सके। हयात के आका किसी संगठन से ताल्लुक नहीं रखते हैं लेकिन उनकी हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में मजबूत पकड़ है।
पुलिस ने चारों आकाओं, उनसे जुड़े लोगों और परिजनों के फोन नंबरों को सर्विलांस पर लिया है। पुलिस के एक बड़े अधिकारी ने बताया कि मुख्य साजिशकर्ता हयात जफर हाशमी और अन्य साजिशकर्ताओं को पीसीआर में लेने की तैयारी की जा रही है। जल्द ही इन्हें पीसीआर में लेने के बाद इनसे जुड़े अन्य सक्रिय स्लीपिंग माड्यूल को बेनकाब किया जाएगा