ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि के दिन शनि जयंती का पर्व बड़े ही उत्साह से मनाया जाता है। इस दिन लोग शनि देव की पूजा करते है।
शनि न्याय के देवता है और यह मनुष्य को उसके कर्मो के अनुरूप फल देने वाले ग्रह कहे जाते है।
लोग शनि की कृपा पाने के लिए क्या नहीं करते लेकिन ऐसे कई कार्य है जिनको अगर आप ना करे तो शनि की कृपा आपको अपने आप ही मिल जायेगी।
सबसे पहले तो आपको यह समझना होगा की शनि एक मेहनती व्यक्ति को पसंद करते है। इसलिए आप हमेशा मेहनत कीजिये।
जो मेहनत करता है एक दिन उसे न्याय मिलता है और वो सफल होता है।
दूसरी बात ये की शनि कमर्चारी और मजदूरों का कारक है। कभी भी धन में या गुण में जो आपसे छोटा है उसका अपमान ना करे।
गरीबो, मजदूरों या अपने नीचे काम कर रहे लोगों का अपमान अगर आप करते है तो शनि विपरीत फल देता है।
जो भी आदमी मजदुर गरीब लोगों की सेवा करता है। इनको साथ लेकर चलता है उस व्यक्ति को बिना कोई पूजा किये ही शनि की कृपा मिलती है।
तीसरी और सबसे ज़रूरी बात यह है कि शनि की चरित्रहीनता नहीं पसंद है।
ऐसा व्यक्ति जो अपनी पत्नी के अलावा किसी और स्त्री से भोग करता है, उसे झूठ बोलता है ऐसे व्यक्ति के सारे कच्चे चिट्ठे शनि की साढ़े साती में खुलते है।
शनि रहस्य का कारक है इसलिए मनुष्य के जितने भी बुरे कर्मों का लेखा जोखा है वो सब साढ़े साती में खुलता है।
इसलिए इन 3 बातों का आप अगर आप ध्यान रखते है तो यकीन मानिये शनि देव आपको कहां से कहां पहुंचा देंगे इसका अंदाज़ा आपको भी नहीं होगा।