वाशिंगटन : कोरोना के नये स्ट्रेन ने एक बार फिर लोगों को दो राहों पर खड़ा किया है, जिसे लेकर अब लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे है। यूं तो इस महामारी के साथ दुनिया को एक साल से भी ज्यादा वक्त हो चुका है और मास्क-सोशल डिस्टेंसिंग जैसे शब्द बेहद आम हो चुंके है, लेकिन कुछ बातें अभी भी ऐसी हैं जिनसे बीमारी की गंभीरता को पहचाना जा सकता है और समय रहते जरूरी कदम उठाए जा सकते हैं।
कितने वक्त में ठीक हो जाते हैं कोरोना मरीज?
मैरीलैंड यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिसिन के डॉ. फहीम यूनुस के मुताबिक 14 दिन के अंदर ज्यादातर मरीज ठीक हो जाते हैं लेकिन 10% से कम संख्या ऐसे लोगों की होती है जिनकी हालत दूसरे हफ्ते में बिगड़नी शुरू होती है। डॉ. फहीम इसे ऐसे समझाते हुए कहते हैं, ‘अगर पहले दो हफ्ते में आपकी हालत खराब नहीं हुई, तो आप ठीक हो रहे हैं। 80% से ज्यादा लोग इस कैटगिरी में आते हैं।
When Will a COVID Patient Improve or Worsen?
Most patients improve within 14 days. But ~10% worsen in the 2nd wk
If you’re not getting worse in the first 2-weeks, you’re getting better. >80% are in this category
Worsening is fast. Recovery is slow pic.twitter.com/FtOtoJOd6M
— Faheem Younus, MD (@FaheemYounus) April 18, 2021
कोरोना को लेकर चिंता ना करें
उन्होंने बताया कि किसी की तबीयत तेजी से खराब होती है और सुधार धीमे होता है। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि लोगों को वायरस के बारे में कम चिंता करनी चाहिए जैसे उसके वेरियंट या वह हवा से फैल रहा है, इन पर एक्सपर्ट काम कर रहे हैं। लोगों को निजी व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए। उनकी सलाह है कि N95/KN95 मास्क पहनें, भीड़ में जाने से बचें और वैक्सीन लगवाएं। उन्होंने कहा कि जिन चीजों पर आप नियंत्रण कर सकते हैं, उन पर ध्यान दें और सतर्कता से रहें।
बता दें कि इससे पहले हवा से वायरस फैलने की रिपोर्ट्स पर डॉ. फहीम ने लिखा था कि कपड़े के मास्क पहनना बंद कर दें। उन्होंने बताया कि, ‘दो N95 या KN95 मास्क खरीदें। एक मास्क एक दिन इस्तेमाल करें। इस्तेमाल करने के बाद इसे पेपर बैग में रख दें और दूसरा इस्तेमाल करें। हर 24 घंटे पर ऐसे ही मास्क अदल-बदल कर पहनें। अगर इन्हें कोई नुकसान न पहुंचे तो हफ्तों तक इनका इस्तेमाल किया जा सकता है।’
डॉ. फहीम ने स्पष्ट किया है कि, ‘हवा से वायरस फैलने का मतलब यह नहीं है कि हवा संक्रमित है। इसका मतलब है कि वायरस हवा में बना रह सकता है, इमारतों के अंदर भी और खतरा पैदा कर सकता है।’ उनका कहना है कि, “बिना मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पार्क और बीच अभी भी सबसे सुरक्षित हैं।“ हालांकि यह कितना सुरक्षित है, अभी तक इस मामले में किसी संस्थान की ओर से कोई डाटा नहीं आया है।