राजधानी दिल्ली में बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने दिल्ली के विभिन्न हिस्सों, खासकर वीआईपी क्षेत्रों में लगने वाले भारी जाम को लेकर सवाल उठाए। इस मुद्दे पर उन्होंने दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा, जिसके जवाब में पुलिस ने सड़कों की सोशल इंजीनियरिंग को दोषी ठहराया और 90 दिनों में समाधान की कार्ययोजना तैयार करने का आश्वासन दिया।
गृहमंत्री ने बैठक में उठाया बड़ा सवाल
हाल ही में गृहमंत्रालय में हुई एक अहम बैठक में गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली की मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस आयुक्त समेत अन्य संबंधित अधिकारियों को तलब किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली में कई इलाकों में गंभीर ट्रैफिक जाम की समस्या बनी हुई है, जिससे आम लोगों को परेशानी होती है। गृहमंत्री ने पूछा कि आखिर इस समस्या के समाधान के लिए दिल्ली पुलिस और अन्य एजेंसियां क्या कदम उठा रही हैं।
पुलिस ने बताया ट्रैफिक जाम के मुख्य कारण
दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजधानी में ट्रैफिक जाम के पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं, जिनमें प्रमुख रूप से सड़कों की खराब सोशल इंजीनियरिंग शामिल है। पुलिस ने जाम के कारणों की पहचान करते हुए कहा कि—दोषपूर्ण सड़क डिजाइन और बस स्टैंडों की गलत स्थिति,आवारा पशु और सेंट्रल वर्ज का न होना, गड्ढों और अवरोधों की वजह से असुरक्षित सड़कें,पैदल यात्रियों के लिए रोड क्रॉसिंग की सुविधाओं का अभाव, पर्याप्त साइनेज और संकेतकों की कमी हैं।
90 दिन की कार्ययोजना में ये होंगे बड़े सुधार
दिल्ली पुलिस ने ट्रैफिक जाम को दूर करने के लिए 90 दिनों में लागू की जाने वाली कार्ययोजना को 25 बिंदुओं में विभाजित किया है। इसके तहत—
बस स्टैंड और शेल्टर की जगह बदली जाएगी।
सड़कों की मरम्मत और पुनः कारपेटिंग की जाएगी।
रोड मार्किंग, साइनेज और जेब्रा क्रॉसिंग की उचित व्यवस्था होगी।
जल निकासी व्यवस्था, गड्ढों और पानी के रिसाव की मरम्मत की जाएगी।
बिजली के खंभे, ट्रांसफार्मर आदि को स्थानांतरित किया जाएगा।
अवैध कूड़ाघरों और अतिक्रमण को हटाया जाएगा।
सेंट्रल वर्ज पर ग्रिल लगाई जाएगी और अवैध ढांचों को हटाने की पहल होगी।
व्यस्ततम इलाकों में टैक्स वसूली के लिए नई नीति बनाई जाएगी।
बस स्टॉप और सड़क डिज़ाइन से बढ़ रही समस्या
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार ने बताया कि जाम की मुख्य वजहों में बस स्टॉप की गलत स्थिति भी शामिल है। कई बस स्टॉप ट्रैफिक लाइट, फुटओवर ब्रिज और अन्य अवरोधों के पास बनाए गए हैं, जिससे वाहनों की गति प्रभावित होती है। इसके अलावा, सड़कों पर बिजली के पोल और अन्य संरचनाएं भी बाधा उत्पन्न कर रही हैं।
दिल्ली पुलिस के इस प्लान के बाद उम्मीद की जा रही है कि आने वाले 90 दिनों में राजधानी की ट्रैफिक समस्या में बड़ा सुधार देखने को मिलेगा।