रिपोर्ट:खुशी पाल
उत्तराखंड(Uttarakhand) के पूर्व सीएम हरिश रावत(Former Chief Minister Harish Rawat) ने हाल ही में एक वीडियों के जरिए अपना एक बयान सबके सामने पेश किया है। उनके दिए गए बयान ने उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारें में हलचल मचा दी है। हरिश रावत ने अपने सोशल मीडिया(Social Media) पर एक वीडियों शेरय की। इस वीडियों में उन्होंने अपने घर के आंगन में बकायदा ग्रीन मैट बिछाकर हाथ में क्रिकेट बल्ला थामे भाजपा को मुद्दों का खेल खेलने की चुनौती दे रहे हैं।
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दरअसल, हाल ही में उत्तराखंड में एक बयान काफी फेमस हुआ था। यह बयान अकील अहमद का था। इसमे वह कहते नज़र आए कि अगर कांग्रेस जीत जाती है तोवह उत्तराखंड मे मुस्लमानों के लिए मुस्लिम यूनिवर्सिटी बनवाएंगे। जिसमें मुस्लमानों के बच्छे शिक्षा प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए उन्होंने हरिश रावत से भी बात कर ली है। जिसके बाद से पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया में एक वीडियो अपलोड कर भाजपा को विकास के मुद्दों पर खेल खेलने की चुनौती दी है।
हरिश रावत ने अपने घर के आंगन में बकायदा ग्रीन मैट बिछाकर हाथ में क्रिकेट बल्ला थामे हरीश रावत भाजपा को मुद्दों का खेल खेलने की चुनौती दे रहे हैं। उनका कहना है कि मुस्लिम यूनिवर्सिटी और मेरी दाढ़ी वाली फोटो प्रसारित कर भाजपा क्या साबित करना चाहती है। उसे चुनाव के समय हमेशा हिंदू-मुस्लिम ही क्यों याद आता है।
इसके अलावा इस वीडियो में हरीश कहते नज़र आ रहें है कि भाजपाइयों और भाजपा नेताओं मुझसे बहुत खेल रहे हो। क्या तुम्हारे पास रोजगार-रोजगार जैसा कोई खेल नहीं? अगर हमारे साथ खेल ही खेलना है तो रोजगार, महंगाई और विकास के मुद्दे पर खेल खेलो? हम आपको बताएंगे अपने शासनकाल में हमने कैसे महंगाई को कंट्रोल में रखा, कैसे लोगों की पेंशन लगवाई और कैसे किसानों और गरीबों के लिए योजनाएं चलाईं। आपने पिछले पांच सालों में कुछ नहीं किया। शिक्षा को चौपट कर दिया तो स्वास्थ्य व्यवस्था को गर्त में पहुंचा दिया।
इसके बाद रावत ने भाजपा को उकसाते हुए कहा कि हिंदू-मुस्लिम का खेल बंद कर दो। अगर हिम्मत है तो विकास कार्यों का खेल खेलो और बराबरी करके दिखाओ। उन्होंने कहा कि भाजपाइयों को को समझ लेना चाहिए कि उनके ऊपर उत्तराखंड में मुस्लिम यूनिवर्सिटी खोले जाने की पैरवी का झूठा इल्जाम लगाने से उनकी पार्टी का भला होने वाला नहीं है। उनकी फोटो पर दाढ़ी लगाकर भाजपा के लोग अपने मानसिक दिवालियापन को प्रदर्शित कर रहे हैं।