अभी राज्य के कई क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जिसके चलते कई जिलों में जहाँ अधिक बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान हुआ है तो कई जिलों में कम बारिश के चलते किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा है । जिन किसान भाइयों ने अभी खरीफ सीजन में धान, कोदो -कुटकी ,अरहर की बुवाई की है, यदि वर्षा के अभाव में उनकी फसल खराब हो जाती है। चाहे उत्पादन हो अथवा न हो, उन्हें सरकार प्रति एकड़ 9000 रुपये की सहायता देगी । उन्होंने कहा कि राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत सूखा प्रभावित किसानों को भी गिरदावरी सर्वे के आधार पर प्रति एकड़ 9000 रुपये के मान से मदद दी जाएगी ।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा है कि अभी राज्य के कई क्षेत्रों में अल्पवृष्टि और अनावृष्टि के चलते सूखे की स्थिति उत्पन्न हो गई है। छत्तीसगढ़ की सरकार विपदा की हर घड़ी में किसानों के साथ खड़ी है। योजना का लाभ लेने के लिए पात्र लोगों को 1 सितंबर से पंजीयन कराने का भी आह्वान किया। । मत्स्य पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। उन्होंने कहा कि इससे मत्स्य कृषकों और मछुआरों को किसानों के समान शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण की सुविधा मिलने लगी है। किसानों के समान रियायती दर पर मत्स्य कृषकों को बिजली एवं मछली पालन के लिए तालाबों एवं जलाशयों को निशुल्क पानी मिलेगा।
किसान न्याय योजना के तहत भी दी जाएगी सहायता :-
राज्य में किसानों को राजीव गाँधी किसान न्याय योजना के तहत खरीफ वर्ष-2021 के लिए 14 फसलों धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, रामतिल, कोदो, कुटकी, कुल्थी, रागी तथा गन्ना पर 9,000 रूपये की इनपुट सब्सिडी दिए जाने का प्रावधान है | खरीफ वर्ष 2020-21 में जिन खेतों में धान लगाई थी यदि किसान उन खेतों में धान को छोड़कर अन्य फसल जैसे कोदो–कुटकी, गन्ना, अरहर, मक्का, सोयाबीन, दलहन, तिलहन, सुगंधित धान अन्य फोर्टीफाईड धान, केला, पपीता लगता है, अथवा वृक्षारोपण करता है तो उसे प्रति एकड़ 10,000 रूपये इनपुट सब्सिडी दी जाएगी | वृक्षा रोपण करने वाले किसानों को प्रति एकड़ 10,000 रुपये तीन वर्षों तक दिए जाएंगे ।