रिपोर्ट: मोहम्मद आबिद
बरेली: तीनों कृषि कानूनों के लेकर दिल्ली की सीमाओं पर किसनों का दो महीने से ज्यादा प्रदर्शन करते हुए का समय पूरा हो चुका है और लगातार सरकार और किसानों के बीच बातचीत हुई जिसके बाद 26 जनवरी की घटना के बाद माहौल बदल गया है। और अब लगातार आंदोलन को मजबूत करने के लिए किसान नेताओं की सभाएं हो रही है जिसमें उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान में सभाएं की जा रही है और लोगों को एक्ट्ठा किया जा रहा और सरकार के तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आवाज उठाई जा रही है।़
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत बरेली के बहेड़ी पहुंचे उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा की सरकार ने एक मजाक बनाकर रख दिया है और अब से पहले किसी की इतनी मजाक नहीं बनी, किसानों को कभी खालिस्तानी तो कभी पाकिस्तानी, कभी आतंकवादी तो कभी जमाती के नामों से नवाज़ा गया.किसानों के आंदोलन को सरकार ने बेहद हल्के में लिया था.उन्होंने जो सोचा था,उसका उल्टा हुआ।साथ ही उन्होंने मीडिया के एक वर्ग की सोच पर भी अफसोस जताया।
भाकियू राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने सरकार पर निशाना साधा और कहा की हमारे किसान आंदोलन को बिखेरना चाहती है मगर हम किसान लोग जब तक आंदोलन जारी रखेंगे जब तक केंद्र सरकार अपने तीनो काले कानून वापस नहीं ले लेती है ।
26 जनवरी को दिल्ली में हुई घटना पर बोलते हुए कहा की घटना का सारा श्रेय सरकार को जाना चाहिए क्योंकि सब करा धरा सरकार का था क्योंकि दिल्ली पुलिस केंद्र सरकार के नियंत्रण में आती है दिल्ली देश की राजधानी है वहां चप्पे चप्पे पर पुलिस तैनात रहती है लेकिन हम किसानों को बदनाम करने के लिए उपद्रवी लोगों को लाया गया है और पुलिस विवाद को देखती रही। इसके साथ ही उन्होंने कहा की अब हम लोग उत्तर प्रदेश के अयोध्या ,बाराबंकी में महापंचायत करेंगे जिसकी तैयारियां शुरू कर दी है ।