{ गोरखपुर से प्रदीप की रिपोर्ट }
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत मिलने वाले खाद्यान्न पर ऐसे लोग निर्भर होते हैं जो किसी के सामने हाथ नहीं फैला सकते हैं ऐसे लोगों के लिए सरकारी राशन की दुकान किसी लाइफलाइन से कम नहीं होती है।
असकरगंज स्थित रिज़वान कोटेदार और बगल में स्थित उनकी दूसरी दुकान महिला उपभोक्ता सहकारी समिति से सरकार द्वारा निर्धारित यूनिट से कम खाद्यान्न दिया जा रहा था यहां 8 यूनिट पर किसी को 20 किलो तो किसी को 25 किलो राशन मिलने की शिकायत मिली थी।
ज्वाइंट मजिस्ट्रेट एसडीएम (सदर) गौरव सिंह सोगरवाल ने संज्ञान में लेकर नायाब तहसीलदार नीलम तिवारी के नेतृत्व में लेखपाल कैलाश यादव व राम कुमार गुप्ता के नेतृत्व में टीम गठित कर जांच का आदेश दिया था।
मौके पर पहुंची जांच टीम को देखकर दुकानदार के होश उड़ गए ना तो वह जांच टीम के समक्ष स्टॉक रजिस्टर प्रस्तुत कर सके और ना ही कोई अन्य जानकारी ही दे पाए इस बीच शिकायत कर्ताओं के बयानों को दर्ज करने में व्यस्त टीम को छोड़कर दुकानदार मशीन लेकर फरार हो गया उसके साथ ही दुकान में कार्यरत अन्य कर्मचारी भी मौके से भाग खड़े हुए।
मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार नीलम तिवारी द्वारा उच्चाधिकारियों से वार्ता कर जिला पूर्ति कार्यालय से पूर्ति निरीक्षक शैलेश कुमार को बुलाकर दुकान में मौजूद लगभग 50 बोरी चावल की गिनती कराने के बाद दुकान पर ताला लगवा दिया गया।