देश की आधी से अधिक आबादी कृषि पर निर्भर है जो भारतीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है । यही कारण है कि सरकार किसानों और पशुपालकों के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू करती है।
इसके चलते केंद्र सरकार ने पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के लिए करीब 15,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं , ताकि भारत आत्मनिर्भर बन सके।
योजना के उद्देश्य:
दूध और मांस प्रसंस्करण की क्षमता और उत्पाद विविधीकरण में वृद्धि करना।
सही दाम पर दूध और मांस उपलब्ध कराना।
घरेलू उपयोग के लिए गुणवत्तापूर्ण दूध और मांस उत्पाद उपलब्ध कराना।
प्रोटीन युक्त गुणवत्तापूर्ण भोजन की आवश्यकता को पूरा करना।
कुपोषण समाप्त करें।
उद्यमिता विकसित करें।
नौकरियां पैदा करें।
दूध और मांस क्षेत्र में निर्यात योगदान बढ़ाने के लिए।
कम कीमत पर मवेशियों के लिए चारा उपलब्ध कराना।
कम ब्याज पर मिलेगा ऋण:
किसान पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (एएचआईडीएफ) के माध्यम से ऋण लेकर कोई भी पशु-संबंधित इकाई स्थापित कर सकते हैं। इनकी स्थापना के लिए बैंकों की ओर से 90% तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
खास बात यह है कि आपको बाजार से कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है। इसके अलावा किसान ऐसे ऋण देने वाले उद्यमी मित्र वेबसाइट पर भी बैंकों की सूची देख सकते हैं।
इन इकाइयों के लिए मिलेगा ऋण:
पनीर निर्माण इकाई और आइसक्रीम इकाई।
अल्ट्रा उच्च तापमान (यूएचटी) टेट्रा पैकेजिंग सुविधाओं के साथ दूध प्रसंस्करण इकाई विभिन्न प्रकार के मांस प्रसंस्करण इकाई की स्थापना।
मट्ठा और दूध पाउडर निर्माण इकाई।
फ्लेवर्ड मिल्क मैन्युफैक्चरिंग यूनिट।
ऋण आवेदन प्रक्रिया:
AHIDF के तहत ऋण के लिए, सबसे पहले उद्यमी मित्र पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होगा ।
इसके बाद आवेदन प्रक्रिया के लिए एक पेज खुलेगा, जहां आप ऋण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
फिर, पशुपालन विभाग द्वारा आवेदन की समीक्षा की जाएगी।
विभाग से अनुमति मिलने के बाद बैंक ऋणदाता द्वारा ऋण स्वीकृत किया जाएगा।
साथ ही सभी जरूरी प्रक्रिया पूरी करने के बाद किसान के खाते में लोन ट्रांसफर कर दिया जाएगा।