क्रिकेट के भगवान कहें जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने साल 1989 में अपना क्रिकेट करियर शुरू किया था। आज सचिन के नाम इंटरनेशनल क्रिकेट में बहुत से ऐसे रिकॉर्ड है जिनको दुनिया का कोई भी बल्लेबाज अभी तक तोड़ नही पाया है, लेकिन सचिन को क्रिकेट का भगवान बनाने में भारतीय टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन अहम भूमिका निभाई है। बताते चले साल 1994 तक सचिन के नाम वनड़े इंटनेशनल क्रिकेट में एक शतक नाम नही था।
जिसके बाद कप्तान अजहरुद्दीन ने तत्कालीन ओपनर नवजोत सिंह सिद्धू के चोटिल होने के चलते 27 मार्च 1994 को सचिन को सलामी बल्लेबाज के रूप में बल्लेबाजी करने का मौका दिया और सचिन ने इस मौके को अच्छे से भुनाया, लेकिन तेंदुलकर इस मैच में शतक से चुक गे थे। अपनी पारी में सचिन ने 49 गेंदों पर 15 चौके और 2 छक्को की मदद से 82 रन की पारी खेली।
वहीम इस मैच से पहले सचिन तेंदुलकर भारतीय टीम में पांचवें व छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने उतरते थे। हालांकि, उस वक्त सचिन अक्सर कप्तान अजहरुद्दीन से ओपनिंग बल्लेबाजी करने का मौका दिए जाने की बात कहा करते थे और कप्तान से मिले मौके का फायदा उठाते हुए सचिन ने 82 रनों की शानदार पारी खेली।
जिसके बाद सचिन ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वह एक के बाद एक रिकॉर्ड अपने नाम करते गए। एक वक्त बाद उन्हें ‘क्रिकेट का भगवान’ कहा जाने लगा। शायद सचिन, अजहरुद्दीन के उस फैसले को कभी नहीं भूल सकते।