रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: महेंद्र सिंह धोनी भारतीय क्रिकेट टीम का एक ऐसा खिलाड़ी जिसने टीम की दिशा, दशा और विश्व विजेता बनाया। धोनी की कुशल रणनीति, वक्त के अनुसार लिए गये निर्णय को लोग आज भी लोग क्रिकेट के सबसे अचूक अस्त्र के रुप में देखते हैं। धोनी ने 15 अगस्त 2020 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारुपों से संन्यास ले लिया था। लेकिन धोनी ने टीम से संन्यास लेने से पहले भारतीय टीम को टी20 वर्ल्ड कप, वनडे वर्ल्ड कप और चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दर्ज करते हुए इतनी बड़ी सफलताएं दिलाई।
महेंद्र सिंह धोनी ने आज के ही दिन 1 जून 2008 को IPL में जोरदार झटका भी लगा था। दरअसल, IPL लीग की शुरुआत साल 2008 में हुआ था। आईपीएल के पहले लीग में ही धोनी की अगुआई में चेन्नई सुपरकिंग्स और शेन वॉर्न की कप्तानी वाली राजस्थान रॉयल्स ने फाइनल में जगह बनाई थी। इसी फाइनल में धोनी को तब जोरदार झटका लगा था जब उनकी टीम को खिताबी मुकाबले में आखिरी गेंद पर हार का सामना करना पड़ा था।
1 जून 2008 को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए फाइनल में तब रवींद्र जडेजा चेन्नई नहीं बल्कि राजस्थान का हिस्सा थे। खिताबी मुकाबले में 39 गेंद पर 56 रन बनाने वाले और तीन विकेट लेने वाले यूसुफ पठान को मैन ऑफ द मैच पुरस्कार दिया गया था।
बात करें मैच की तो चेन्नई की टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 163 रन का स्कोर खड़ा किया। चेन्नई की तरफ से सुरेश रैना ने 30 गेंदो का सामने करते हुए सर्वाधिक 43 रन बनाए थे। अपने इस पारी में रैना ने 1 चौका और 2 छक्के लगाया था। इसके अलावा सलामीं बल्लेबाज पार्थिव पटेल ने 33 गेंदों पर 5 चौकों से 38 रन की पारी खेली। कप्तान धोनी 17 गेंदों पर 1 चौके और 2 छक्कों की मदद से नाबाद 29 रनों की बदौलत टीम 163 रनों का स्कोर खड़ा करने में सफल हुई थी। राजस्थान की तरफ से यूसुफ पठान ने 4 ओवर में 22 रन देकर तीन विकेट लिए।
लक्ष्य का पीछा करने उतरी राजस्थान की शुरुआत खराब रही। राजस्थान की टीम एक छोर से विकेट खोने का सिलसिला जारी रखा। लोकिन यूसुफ ने एक छोर थामे रखा था। यूसुफ पठान 39 गेंद पर 56 रनों की पारी खेली थी, लेकिन टीम अब भी लक्ष्य से कुछ दूरी पर थी।
जब यूसुफ आउट हुए तब राजस्थान रॉयल्स को आखिरी 14 गेंदों पर 21 रन की दरकार थी। इसके बाद ये समीकरण आखिरी ओवर यानी 6 गेंदों में 8 रन तक पहुंच गया। क्रीज पर तब कप्तान शेन वॉर्न और पाकिस्तान के तेज गेंदबाज सोहेल तनवीर मौजूद थे। आखिरी में 5वीं गेंद पर स्कोर बराबर हो गया। अब जीत के लिए एक गेंद पर एक रन की जरूरत थी। सोहेल तनवीर ने आखिरी गेंद को मिडऑन के क्षेत्र में पुल किया और दोनों बल्लेबाजों ने एक रन पूरा करते ही इतिहास रच दिया था। आईपीएल के पहले सीजन के फाइनल में धोनी की टीम हार गई थी।