नई दिल्ली : राजस्थान के जालौर में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने नेशनल हाईवे-925 पर बने ‘इमरजेंसी लैंडिंग फील्ड (ELF)’ का गुरुवार को उद्घाटन किया। इसके बाद भारत ने पाकिस्तान से सटी सीमा पर अपना शक्ति प्रदर्शन किया और बाड़मेर हाइवे पर स्पेशल एयरस्ट्रिप की शुरुआत की गई। आपको बता दें कि पाक सीमा से सिर्फ 40 किलोमीटर दूरी पर भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के सुखोई और जगुआर जैसे लड़ाकू विमानों ने अपना दम दिखाया।
#WATCH | For the first time, a Sukhoi Su-30 MKI fighter aircraft lands at the national highway in Jalore, Rajasthan pic.twitter.com/BVVOtCpT0H
— ANI (@ANI) September 9, 2021
हाईवे पर ही उतरा राजनाथ सिंह-नितिन गडकरी का विमान
केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारतीय वायुसेना के स्पेशल विमान से यहां पहुंचे थे, जिसकी लैंडिंग इसी एयर स्ट्रिप पर की गई थी। एनएच-925 भारत का पहला राष्ट्रीय राजमार्ग है, जिसका इस्तेमाल वायुसेना के विमानों को आपात स्थिति में उतारने के लिए किया जाएगा।
इस कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान बॉर्डर से ये एयरस्ट्रिप कुछ ही दूरी पर है, यह सिद्ध करता है कि भारत किसी भी चुनौती के लिए हमेशा तैयार है। तीन किमी. लंबे इस स्ट्रेच को 19 महीने में तैयार किया गया है, कोरोना काल में भी इसे तैयार किया गया है।
Defence Minister Rajnath Singh, Road Transport Minister Nitin Gadkari, Air Chief Marshal RKS Bhadauria, and Chief of Defence Staff General Bipin Rawat attend a programme held on the occasion of inauguration of Emergency Field Landing at the National Highway in Jalore, Rajasthan pic.twitter.com/2lLTe7qZVA
— ANI (@ANI) September 9, 2021
राजनाथ सिंह ने कहा कि एयरस्ट्रिप के साथ-साथ तीन हैलिपेड भी तैयार हुए हैं, ऐसे में सिर्फ युद्ध ही नहीं बल्कि प्राकृतिक आपदा या किसी अन्य आपदा के वक्त भी ये काफी काम आएंगे। भारत की तीनों सेनाएं आम लोगों की मदद करने के लिए हमेशा तैयार हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि बॉर्डर पर सेनाओं ने हमेशा साथ दिया है। देश के अलग-अलग हिस्सों पर हाइवे पर 20 जगहों पर ऐसी एयरस्ट्रिप तैयार हो रही हैं, अलग-अलग जगहों पर हैलिपेड भी बनाए जा रहे हैं।
19 महीने में हुआ 3 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी का निर्माण
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) ने भारतीय वायु सेना के लिए आपातकालीन स्थिति में विमान उतारने के लिए एनएच-925ए के सट्टा-गंधव खंड के तीन किलोमीटर के हिस्से पर इस आपातकालीन पट्टी का निर्माण किया है। ईएलएफ (ELF) का निर्माण 19 महीने के अंदर पूरा किया गया है। इसका निर्माण कार्य जुलाई 2019 में शुरू किया गया था और जनवरी 2021 में यह तैयार हो गया था। आईएएफ और एनएचएआई की देखरेख में ‘जीएचवी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड’ ने इसका निर्माण किया है।
तीन हेलीपैड का भी किया गया है निर्माण
इस परियोजना में आपातकालीन लैंडिंग पट्टी के अलावा कुंदनपुरा, सिंघानिया और बाखासर गांवों में वायु सेना/भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुसार तीन हेलीपैड (प्रत्येक का आकार 100 x 30 मीटर) का निर्माण किया गया है, जो पश्चिमी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर भारतीय सेना और सुरक्षा नेटवर्क के सुदृढ़ीकरण का आधार होगा।
लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर की गई थी मॉक लैंडिंग
वायुसेना पिछले कुछ वक्त से लगातार देश के अलग-अलग हिस्सों में नेशनल हाइवे पर इस तरह के एयरस्ट्रिप बनाने पर फोकस कर रहा है। ये पहला नेशनल हाइवे है, जहां पर इसतरह की एयरस्ट्रिप तैयार हुआ है। इससे अक्टूबर 2017 में, भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) के लड़ाकू और परिवहन विमानों ने लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर मॉक लैंडिंग की थी ताकि यह दिखाया जा सके कि ऐसे हाईवे का उपयोग वायुसेना के विमानों द्वारा आपात स्थिति में उतरने के लिए किया जा सकता है।