नई दिल्ली में 26-27 अक्टूबर को होने वाली वार्ता के दौरान दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किया जाएगा। बता दें कि भारत और अमेरिका के रक्षा व विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली इस वार्ता की तैयारियां जोरों पर हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से ठीक एक हफ्ते पहले होने वाली इस वार्ता का दायरा सीमित होगा। यदि दोनों देशों के बीच BECA डील पर हस्ताक्षर करने की सहमति बन जाती है तो यह इस वार्ता की सबसे बड़ी उपलब्धि होगी।
दोनों तरफ से बातचीत के प्रारूप को अगले दो दिनों के भीतर अंतिम रूप दिए जाने के आसार हैं। यह भारत और अमेरिका के बीच तीसरा समझौता होगा। इससे पहले 2016 में लॉजिस्टिक्स एक्सचेंज मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट और 2018 में कम्युनिकेशंस कंपैटिबिलिटी एंड सिक्योरिटी एग्रीमेंट हुआ था।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह व विदेश मंत्री एस जयशंकर और अमेरिकी समकक्ष मार्क एस्पर व माइक पोंपियो के बीच मीटिंग के दौरान BECA डील पर हस्ताक्षर की उम्मीद है।
इस समझौते से दोनों देशों की सशस्त्र सेनाओं के बीच भूस्थानिक (geospatial) सहयोग के मुद्दे पर बातचीत शुरू हो जाएगी। भारत और अमेरिका रक्षा के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं।
पिछले 15 सालों में भारत ने अमेरिका से 20 बिलियन डॉलर की लागत वाले हथियारों का अधिग्रहण कर लिया है। इनमें C-17 ग्लोबमास्टर्स और C-130J सुपर हरक्यूलस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट शामिल है।
इस वार्ता का फैसला जून,2017 में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति ट्रंंप के बीच हुई मुलाकात में लिया गया था। अभी तक दो बार यह बातचीत हो चुकी है। इसके तहत तीन बैठकों का दौर चलता है। पहले दोनों देशों के विदेश व रक्षा मंत्रियों की अलग-अलग बैठक होती है। इसके बाद एक संयुक्त बैठक होती है।