रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: यूपी विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, राजनीतिक पार्टियां तैयारी तेज करती जा रही हैं। चाहे समाजवादी पार्टी हो, बहुजन समाज पार्टी हो या भारतीय जनता पार्टी हो। सभी चुनावी बिगुल बजने से पहले ही अपनी-अपनी तैयारियों में लग गई हैं।
आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता और पदाधिकारी अपनी-अपनी दायित्वों को मजबूती के साथ संभालने में लग गये हैं। सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश की तुलना पहले की सरकारों से करते हुए कहा कि ‘पहले हमारे बेटियां, बहनें असुरक्षित महसूस करती थीं। सड़कों पर गड्ढे यूपी यानी उत्तार प्रदेश की पहचान हुआ करते थे। यहां तक कि भैंसे और बैल भी सुरक्षित नहीं थे। यह समस्यानएं पश्चिमी यूपी में थी, पूर्वी यूपी में नहीं…लेकिन अब ऐसी स्थिति नहीं है। क्या आपने यह बदलाव नहीं देखा है।’
उन्होने आगे कहा कि, पहले स्थिति यह थी कि जहां से गड्ढे सड़कों पर प्रारंभ हो जाएं, समझ लो यह उत्तर प्रदेश है, सायंकाल जहां से अंधेरा हो जाए, समझ लो वह उत्तर प्रदेश है, जहां पर कोई सभ्य, व्योक्ति रात को सड़कों पर चलने से भयभीत हो, समझ लो यह उत्तर प्रदेश है। यूपी यह तस्वी्र पेश करता था।
उन्होने युवाओं के बारे में भी कहा कि नौजवानों के सामने पहचान का संकट था लेकिन अब ऐसा नहीं है। भारतीय जनता पार्टी चुनाव के रंग में आ गई है। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी को लगने लगा है कि बीजेपी को हराना काफी कठिनाई भरा है, यही कारण है सपा और बसपा जातीय समीकरण को साधने में लग गई है।
आगामीं होने वाले विधानसभा चुनाव असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने भी पूरे जोर के साथ लड़ने का निर्णय लिया है। AIMIM राज्य में इस बार करीब 100 सीटों प्रत्याशी उतारेगी। पार्टी ने मुख्य रूप से उन सीटों पर ध्यान केंद्रित किया है जहां मुस्लिमों की आबादी ज्यारदा है।
भारतीय जनता पार्टी भी अपने विकास और राष्टवाद के साथ कई अन्य मुद्दों को लेकर चुनाव के लिए जनता के बीच जाने वाली है। सीएम योगी ने कहा कि उनके लिए विकास और राष्ट्रवाद चुनाव का मुख्य मुद्दा रहने वाला है।